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चेन्नई

दिव्यांगों के लिए आइआइटी मद्रास ने लांच की देश की पहली मोटर चालित व्हीलचेयर

– हर तरह के रास्ते पर आराम से चलेगा

चेन्नईAug 23, 2021 / 05:10 pm

PURUSHOTTAM REDDY

IIT Madras Develops Countrys First Indigenous Motorized Wheelchair Ve

IIT Madras Develops Countrys First Indigenous Motorized Wheelchair Ve

 

चेन्नई.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (आईआईटी) ने सोमवार को देश की पहली स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई व्हीलचेयर लॉन्च की है। इसकी सहायता से अब दिव्यांग या अन्य असहाय लोग न केवल समतल सडक़ बल्कि उबड़-खाबड कच्चे रास्तों पर भी चल सकेंगे। यह हर रास्ते पर आराम से चलता है क्योंकि इसमे झटका सहने के लिए सस्पेंशन लगा है।

नियोबोल्ट नामक यह व्हीलचेयर लिथियम आयन बैटरी चालित एक चार्ज पर 25 किलोमीटर तक जा सकता है। इसकी रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। स्टैंडिंग व्हीलचेयर को बनाने वालों का कहना है कि ये कार, ऑटो या मोडिफाइड स्कूटर की तुलना में अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और सस्ता साधन है। इसका वजन भी कम है।

नियोबोल्ट व्हीलचेयर को आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन के नेतृत्व में टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट ने डिजाइन और विकसित किया गया है और इसे नियोमोशन नामक स्टार्टअप के सहयोग से व्यावसायिक रूप दिया जा रहा है।

स्टार्टअप की सह संस्थापक प्रो. सुजाता श्रीनिवासन और आइआइटी मद्रास के पूर्व छात्र स्वास्तिक सौरव है जो नियोमोशन के सीईओ भी है। ज्ञातव्य है कि प्रोफेसर सुजाता देश की पहली स्वदेशी तौर पर डिजाइन की गई व्हीलचेयर ‘अराइज़’ लॉन्च की थी। इससे दिवयांग व्यक्ति को बैठने की स्थिति से खड़े हो पाने और फिर बैठने में मदद मिलती है।

सुजाता श्रीनिवासन ने बताया कि हमारी दूरदृष्टि देश के दिव्यांगों की जिंदगी को बदलना है। इसके लिए हम उपयोगी और किफायती साधनों का निर्माण करते है। ये व्हीलचेयर भारत और पूरी दुनिया के दिव्यांग लोगों के लिए डिजाइन किए गए है जो कस्टमाइज किया जाने वाला पहला भारतीय व्हीलचेयर है। इसे 18 तरत से कस्टमाइज किए जा सकते है। यह व्हीलचेयर दिव्यांगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। इस डिवाइस की खास बात यह है कि इसे न केवल समतल सडक़ बल्कि उबड़-खाबड कच्चे रास्तों पर भी चलाया जा सकता है।

संस्थान का दावा है कि नियोबोल्ट की तुलना में सुविधाओं वाले उत्पाद वैश्विक बाजार में उपलब्ध हैं और कम से कम तीन से पांच गुना अधिक महंगे हैं।

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