IIT Madras: आत्महत्या का मामला: केंद्र सरकार के अधिकारियों ने किया कैम्पस का किया दौरा
सरकार किसे बचाने की कर रही है कोशिश
फातिमा लतीफ खुदकुशी के मामले को उठाते हुए कनिमोझी ने कहा कि आखिर तमिलनाडु सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है? फातिमा लतीफ के लिए इंसाफ की मांग करते हुए उन्होंने लोकसभा में कहा कि उच्च शिक्षा के संस्थानों में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने दावा किया कि इनके पीछे ‘जातीय भेदभाव’ का कारण होता है और यह देश के लिए ‘शर्म की बात है। कनिमोझी ने छात्रा की मृत्यु रहस्यमयी परिस्थिति में होने का दावा करते हुए कहा कि छात्रा ने फोन पर एक प्रोफेसर को अपने इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया था लेकिन उस प्रोफेसर को पूछताछ के लिए बुलाया तक नहीं गया है।
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उच्चस्तरीय जांच की मांग की
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी इस विषय को उठाया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनकों जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सचिव (उच्च शिक्षा) के नेतृत्व में ‘उच्चस्तरीय जांच’ शुरू कर दी गई है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, मंत्री के जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए डीएमके और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
तीन प्रोफेसरों से हुई पूछताछ
आईआईटी मद्रास के फातिमा लतीफ खुदकुशी मामले में सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने आईआईटी के तीन प्रोफेसरों से पूछताछ की। इन तीनों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि अधिकारियों ने तीनों प्रोफेसरों को अज्ञात स्थान पर ले जाकर पूछताछ की।
आईआईटी के दो छात्र भूख हड़ताल पर बैठे
फातिमा लतीफ खुदकुशी मामले में इंसाफ की मांग को लेकर आईआईटी मद्रास के दो छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। इन छात्रों की मांग है कि फातिमा लतीफ और पिछले एक साल में कैंपस में हुई खुदकुशी की घटनाओं की जांच के लिए एक आंतरिक कमेटी का गठन किया जाए और इन मामलों की निष्पक्ष और विस्तार से जांच की जाए।