गंदे पानी के अत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक दूर करेगा एरोजेल अवशोषक
चेन्नईPublished: Nov 02, 2023 10:27:21 pm
आइआइटी मद्रास और तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया विकसित


गंदे पानी के अत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक दूर करेगा एरोजेल अवशोषक
चेन्नई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आइआइटी मद्रास) और तेल अवीव विश्वविद्यालय इजराइल के शोधकर्ताओं ने एक एरोजेल अवशोषक का विकास किया है जो गंदे पानी के अत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक दूर कर सकता है। यह ग्राफीन मोडिफाइड सिलिका एरोजेल लगातार बहते हुए पानी से भी 76 प्रतिशत से अधिक अत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक (पीपीएम स्तर) दूर कर भारी मात्रा में पानी साफ करने का सस्टेनेबल उपाय हो सकता है। शोधकर्ताओं की टीम बड़े पैमाने इसके उपयोग के लिए शोध के परिणाम और बेहतर करने में लगी है। एरोजेल अत्यंत हल्के वजन के ठोस पदार्थ हैं। इनमें अधिकांश हवा होती है। ये उत्कृष्ट अवशोषक प्रदूषक मुक्त करने वाले ठोस पदार्थ का काम करते हैं। इसमें कई लाभ हैं जैसे सर्फेस कैमिस्ट्री बदलने की क्षमता, घनत्व कम होना और अत्यधिक छिद्र होना। इन्हें अक्सर 'ठोस हवा' या 'जमा हुआ धुआं' भी कहते हैं और ये आसानी से बनाए जा सकते हैं।भारत में दुनिया का केवल 4 प्रतिशत जल संसाधन है जबकि इसी से भारत में रहने वाली दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी का भरण-पोषण करना है। खास कर फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्र उद्योग में जहां पानी की बहुत खपत है यह चुनौती अधिक गंभीर है। इसलिए जल प्रदूषण दूर करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। सिर्फ वस्त्र उद्योग में सालाना लगभग दस लाख टन जहरीले सिंथेटिक रंग उत्सर्जित होते हैं, जो जलीय जीवन और पारिस्थितिकी के लिए गंभीर खतरा है।