यूपीआइ के १ करोड़ यूजर्स
देश में फिलहाल यूपीआइ (मोबाइल पर ऑनलाइन भुगतान का माध्यम) के १ करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं। एमपीएफआइ का लक्ष्य २०२५ तक इन उपयोक्ताओं की संख्या को ५ करोड़ करना है। यह लक्ष्य तब तक हासिल नहीं हो सकता जब तक कि डिजिलट भुगतान की भाषा क्षेत्रीय नहीं हो। फोरम ने इससे एक कदम आगे जाकर यह सोचा है कि यूजर्स के मौखिक आदेशों से ही डिजिटल भुगतान होने लगे तो यह लक्ष्य जल्दी हासिल हो सकेगा। फोरम के इसी सपने को सच करने पर आइआइटी मद्रास की रिसर्च टीम काम कर रही है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए १५०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
महामारी के दौर में जरूरी
आइआटी मद्रास के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और एमपीएफआइ के चेयरमैन गौरव राणा ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि कोविड-१९ जोखिम प्रबंधन के दौर में डिजिटल व मोबाइल भुगतान व्यवस्था कांटैक्टलेस अवधारणा के तहत बेहद जरूरी है। क्षेत्रीय भाषाओं में मौखिक रूप से भुगतान प्रणाली की व्यवस्था विकसित करना युगांतरकारी होगी। आप अपनी भाषा में मैसेज टाइप करने के बजाय मौखिक आदेशों से भुगतान कर पाएंगे।
ग्राहक की डिजिटल हिस्ट्री होगी तैयार
मोबाइल पर भुगतान के माध्यम से ग्राहकों की डिजिटल हिस्ट्री तैयार होगी। उसके बाद कृत्रिम मेधा (एआइ) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को वित्तीय सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध होने लगेगी।