आइआइटी मद्रास के स्टार्टअप ने बच्चों के लिए विकसित किया गेमिफाइड कोडिंग प्लेटफॉर्म हैकरकिड
चेन्नईPublished: Oct 14, 2020 07:39:35 pm
आइआइटी मद्रास के स्टार्टअप ने बच्चों के लिए विकसित किया गेमिफाइड कोडिंग प्लेटफॉर्म हैकरकिड- खेल आधारित व मनोरंजक गतिविधियों से भरपूर
चेन्नई. भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास के स्टार्टअप गुवी ने गेमिफाइड कोडिंग प्लेटफॉर्म हैकरकिड विकसित किया है। स्टार्टअप ने भारत, नीदरलैण्ड, यूएस एवं आस्ट्रेलिया के 1200 बच्चों के साथ काम किया। हैकरकिड में ब्लॉक बैस्ड प्रोग्रामिंग है तथा वर्च्युअल खेल मैदान उपलब्ध कराता है।
ब्लॉक बेस्ड प्रोग्राम सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए आसान एवं मजबूत रास्ता है। कक्षा में पढाई करने की तुलना में यह इसे आसान बनाता है। कम्प्यरीकृत सोच एवं प्रोग्रामिंग फ्लो को आसान करता है।
कई भाषाओं में उपलब्ध
गुवी एक ऐसा इन्टीग्रेटेड शिक्षा का प्लेटफॉर्म है जो कई भाषाओं में उपलब्ध है। देश के एक हजार इंजीनियरिंग कॉलेज तक इसकी पहुंच बनाई गई है। करीब 4.6 लाख इंजीनियर्स को आधुनिक तकनीक जिसमें जावा, मशीन लर्निंग से जोड़ा है जिससे आईटी फर्म में प्लेसमेन्ट मिल सका है।
शुरुआती लेवल निःशुल्क
टर्टल मोड्युल के शुरुआती लेवल को निःशुल्क उपलब्ध करवाया गया है जिसमें रिवार्ड्स, बैजेजस फिचर्स पोइंट है तथा बच्चों को लीडरबोर्ड से सीखने की एक्टीविटी है। टर्टल मोड्युल से बच्चों को इंटरनेशनल ब्लॉक कोडिंग ओलंपियाड के लिए तैयार किया जाता है।
लर्निंग कोड एडवांटेज
गुवी के को-फाउण्डर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.पी.बालमुरुगन कहते हैं, युवा वर्ग में लर्निंग कोड एडवांटेज है। कम्प्यूटर साइंस के कन्सेप्ट को समझना बच्चों के लिए इतना आसान नहीं है। कन्वेन्सनल टेक्स्ट बेस्ड कोडिंग के जरिए उन्हें समझाया जाता है। हैकर्सकिड ने बच्चों को कोडिंग में जाने के लिए भूमिका तैयार करती है।
कोडिंग को समझने में मदद
हैकरकिड के संस्थापक व मुख्य तकनीकी अधिकारी अरुण प्रकाश कहते हैं, हैकरकिड से प्रैक्टिस कर बच्चे कोडिंग को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। सोचने, समस्या के समाधान, प्रस्तुतिकरण मे आसानी होगी। बच्चों के अनुभव, उनकी सोच को इसमें समाहित किया गया है ताकि वे इसमें रुचि के साथ सीख सकें।