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राज्यभर के अस्पतालों का कामकाज प्रभावित

locationचेन्नईPublished: Jun 18, 2019 12:13:15 am

हाल ही कोलकाता में एक युवा डॉक्टर के साथ हुई मारपीट को लेकर देशभर में डॉक्टरों के प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की…

Implementing the work of hospitals across the state

Implementing the work of hospitals across the state

चेन्नई। हाल ही कोलकाता में एक युवा डॉक्टर के साथ हुई मारपीट को लेकर देशभर में डॉक्टरों के प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तमिलनाडु शाखा के डॉक्टरों ने सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के कारण राज्यभर के अस्पतालों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हुआ। एगमोर के चिल्ड्रन अस्पताल में डॉक्टरों ने हेलमेट पहन कर मरीजों का इलाज किया। चेन्नई, तंजावुर और मदुरै समेत राज्य के अन्य जिलों के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने धरना प्रदर्शन कर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की।

साथ ही उन्होंने मीडिया के सामने बातचीत कर मामले का हल निकालने का भी आग्रह किया। कुछ अस्पतालों के डॉक्टरों ने मरीजों को दिए गए अपॉइंटमेंट को रद्द कर मंगलवार को आने को कहा। अन्य जिलों से आने वाले मरीजों को भी आपातकालीन स्थिति नहीं होने पर बाद में आने को कहा गया।

महानगर के अपोलो, सिम्स और ग्लेनेगल्स ग्लोबल समेत कई अन्य अस्पतालों ने मरीजों को दिए गए निर्धारित समय को बदल कर सभी को संदेश के जरीए सूचित कर दिया। हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेवा, ऑपरेशन थिएटर, लैब सेवा और आपातकालीन सेवाएं जारी थी। बहुत से अस्पतालों के बाहर प्रदर्शन के कारणों के पोस्टर लगाए हुए थे। पोस्टर में लिखा था कि इस तरह के हमले की वजह से मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

हालांकि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने सामान्य तौर पर कार्य किया। तमिलनाडु सरकारी डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ के. सेंथिल कुमार ने बताया कि काली पट्टी पहन कर हम लोग प्रदर्शनरत डॉक्टरों का समर्थन कर रहे हैं। कुछ निजी अस्पतालों में तो चिकित्सकों ने छुट्टी ले ली थी, जिसके कारण आपातकालिक और ट्रोमा वार्डों में लोगों का जमावड़ा दिखा। रमेश कुमार नामक एक वृद्ध मरीज ने बताया कि उसे रविवार से बुखार और खांसी रही, लेकिन परामर्श देने वाले डॉक्टरों से मुलाकात नहीं होने की वजह से आपातकालीन सेवा के लिए जाना पड़ा। एक अन्य अस्पताल के डॉक्टर ने सात वर्षीया एक बच्ची के टीका लगाने के लिए दिए गए समय को बढ़ा कर बुधवार कर दिया। बच्ची की मां ने बताया कि टीकाकरण के लिए स्कूल और अपने काम से अनुमति लेकर अस्पताल आई थी, लेकिन अब दोबारा आना मेरे लिए काफी मुश्किल होगा।

पत्रकारों से बातचीत में आईएमए के राज्य अध्यक्ष डॉ एस. कनक सभापति ने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा की ओर केंद्र सरकार का ध्यान केंद्रित करने के लिए सुबह ६ बजे तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले इस तरह का प्रदर्शन कभी नहीं देखा था। तमिलनाडु में भी डॉक्टरों के साथ अक्सर ऐसा ही होता है, जिससे वे काफी गुस्से में हैं और प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे हंै। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु मेडिकेयर सर्विस परसन्स एंड मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशन्स एक्ट २००८ लागू होने के बाद से राज्य में ३३ हिंसक मामले दर्ज हुए, जिनमें से १३ लोगों को सजा हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक और सहायक पुलिस आयुक्त समेत अन्य रैंकधारी पुलिस अधिकारी ही इस तरह के मामलों की जांच करें तो बेहतर होगा। आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष टीएन. रविशंकर ने बताया कि कई बार ऐसा होता है जब डॉक्टरों की शिकायतें दर्ज ही नहीं की जाती हैं जबकि देश के १९ राज्यों में इसी प्रकार का कानून है।

यह है मामला

उल्लेखनीय है कि कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कालेज और हॉस्पिटल के एक युवा चिकित्सक पर कथित तौर पर मृतक के रिश्तेदारों ने हमला किया था। उसके कुछ समय बाद ही डॉक्टरों ने ट्वीट कर कहा कि वे लोग युवा चिकित्सक के समर्थन में काम का बहिष्कार कर रहे हैं। साथ ही कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। गत शुक्रवार को आईएमए ने हिंसा के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का समर्थन करने के लिए रविवार को आईएमए की तमिलनाडु शाखा के डॉक्टरों ने प्रदर्शन की घोषणा की।

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