कोरोना वायरल शोध व उपचार में शामिल किया जाए कबसुर काढ़ा
सिद्धा चिकित्सक एसोसिएशन ने आयुष मंत्री श्रीपद नायक से मांग की है कि सिद्धा उपचार प्रणाली के तहत कबसुर काढ़े को कोरोना वायरल शोध व कोविड-१९ के उपचार में शामिल करने की अनुमति दी जाए

चेन्नई. तमिलनाडु सिद्धा मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आयुष मंत्री श्रीपद नायक से मांग की है कि सिद्धा उपचार प्रणाली के तहत कबसुर काढ़े को कोरोना वायरल शोध व कोविड-१९ के उपचार में शामिल करने की अनुमति दी जाए।
एसोसिएशन के सचिव डा. बी. तमिळकणी ने मंत्री को इस बाबत पत्र लिखा है कि आइसीएमआर कोविड-१९ को लेकर कई तरह के शोध-परीक्षण कर रहा है। तमिलनाडु के सिद्धा चिकित्सकों ने इसके उपचार को लेकर व्यापक प्रतिवेदन आइसीएमआर को भेज रखा है।
सचिव ने कहा कि कोरोना वायरस के स्पाइक ग्लाइको प्रोटीन ट्रिमर को कबसुर काढ़े के अवयव भेदने में कामयाब रहे हैं। इसका अध्ययन मॉलीक्यूलर डॉकिंग प्रणाली से कराया गया है। हमें देखने में आया है कि वायरस हर बार नए नई रूप और संरचना के साथ सामने आता है। आयुष दवाएं इन वायरस से निपटने के लिए कारगर हैं।
उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि लिहाजा आइसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को निर्देश दिए जाएं कि वे कबसुर और निलवेम्बू काढ़े पर शोध शुरू करें।
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