scriptजरूरतमंद व गरीब बच्चों की फीस दे रहे इंदरचंद | Inder Chandra, giving fee for the needy and poor children | Patrika News

जरूरतमंद व गरीब बच्चों की फीस दे रहे इंदरचंद

locationचेन्नईPublished: Sep 18, 2018 07:22:21 pm

Submitted by:

arun Kumar

कई संस्थाओं से जुड़कर कर रहे हैं जनसेवा

Inder Chandra, giving fee for the needy and poor children

Inder Chandra, giving fee for the needy and poor children


चेन्नई : राजस्थान की भूमि को वरदान है कि वहां जन्म लेने वाला व्यक्ति कहीं भी जाए अपने जनसेवा एवं धार्मिक संस्कारों को नहीं भूलता। अनेक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपनी पारिवारिक परेशानी के चलते किसी तरह पढ़ाई की और परेशानियों से उबरने एवं स्वयं के पैरों पर खड़े होने के लिए अपनी जन्मभूमि छोड़कर किसी अन्य राज्य में चले गए। वहां नौकरी एवं अन्य कार्य कर किसी तरह अपना व्यवसाय जमाया और मंजिल हासिल की। इतना ही नहीं अपने परिवार को भी ऊंचाई पर ले गए। अनेक प्रवासी ऐसे भी हैं जो अन्य प्रदेश में जाकर न केवल अपने परिवार बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी मंजिल दिलाने में अग्रणी रहे हैं। ऐसी ही शख्सियतों में शामिल हैं एसएस जैन संघ माम्बलम के सहमंत्री इंदरचंद लोढा। जिन्होंने गांव छोड़ चेन्नई आकर पहले नौकरी फिर व्यवसाय लगाकर अपने बल पर जीवन की राह आसान बनाई और आगे बढ़ते गए। पेश है पत्रिका टीवी के लिए चेन्नई से डीएल शर्मा और रितेश रंजन की इंदरचंद से बातचीत…
हल चलाने से लेकर कई काम किए

राजस्थान के अजमेर जिले के बिजयनगर में जून 1944 में सौभागमल लोढा के यहां जन्मे इंदरचंद लोढा ने गरीब परिवार में जन्म लेकर परेशानी के बीच 11वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने गांव में हल चालाने से लेकर सभी काम किए। इसके बाद वर्ष 1962 में वे किसी तरह चेन्नई में रहने वाले अपनी भाई पुखराज लोढा की सलाह पर चेन्नई पहुंचे। भाई का मेंचेन्नई गिरवी की व्यवसाय था। यहां अलग रहकर दो साल नौकरी करने के बाद वर्ष 1965 में अपना गिरवी का अलग व्यवसाय लगाया। जिसे 1973 में ज्वैलरी समेत हर प्रकार की सामग्री के शोरूम में तब्दील कर दिया।
जरूरतमंदों को स्कॉलरशिप व फीस दे रहे हैं

वे एसएस जैन संघ माम्बलम के गत 23 साल से सहमंत्री होने के अलावा अनेक संस्थाओं से जुड़कर सामाजिक कार्य कर रहे हैं और व्यवसाय अपने पुत्र प्रकाश लोढा को संभला दिया। उन्होंने कहा कि जैन संघ बनने के बाद सबसे पहले उन्हें जोड़ा गया। इसके बाद उन्होंने पान ब्रोकर एशोसिएशन का गठन किया जिसमें करीब 600 सदस्य कार्य कर रहे हैं। संस्था कई सामाजिक कार्य भी कर रही है। वे जरूरतमंदों को स्कॉलरशिप देेते है तथा गरीब बच्चों की फीस भी भरते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो