आईएमए के मुताबिक मार्च से लेकर अबतक 43 डॉक्टर कोरोना वायरस का शिकार हो चुके है। मृतक डॉक्टरों में से अधिकांश चेन्नई, मदुरै और अन्य दक्षिणी जिलों से है। हालांकि राज्य के पश्चिमी जिलों में मौतों की संख्या कम है।
अन्य राज्यों में डॉक्टरों की मौत
तमिलनाडु के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र दोनों से 23-23 डॉक्टर, बिहार के 19, पश्चिम बंगाल के 16 और उत्तर प्रदेश के 11 डॉक्टरों को कोरोना के कारण मौत के मुंह में समा गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में अन्य राज्यों से बेहतर माने जाने वाली दिल्ली में भी 12 डॉक्टरों की कोरोना के कारण जान गई है। बताया जा रहा है कि 196 में से 170 डॉक्टरों की उम्र 50 साल से ज्यादा था।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डा. आरवी अशोकन ने कहा कि मरने वाले अनेक डॉक्टर कोरोना मरीजों की देखभाल के दौरान संक्रमित हुए थे, जबकि कई को अस्पताल के संवेदनशील वातावरण में रहने के दौरान संक्रमण हुआ था। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किसी एक नीति का न होना भी इसके लिए कुछ हद तक जिम्मेदार हो सकता है क्योंकि मरीजों की देखभाल के दौरान अलग-अलग स्टैंडर्ड अपनाए गए थे।