इंटेलीजेंट फ्लड वार्निंग सिस्टम
इस टेक्नॉलोजी को सीफ्लोज कहा जाता है। भारत की पहली एकीकृत तटीय बाढ़ चेतावनी प्रणाली है। इससे अधिकारियों को मानसून के दौरान क्षेत्रवार बाढ़ से जुड़े विवरण प्राप्त कराने में सक्षम होगा। जहां 2015 की विनाशकारी चेन्नई बाढ़ के बाद केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा ऐसी अवधारणा पर ध्यान दिया जाने पर जोर डाला गया, जिसमें बाढ़ की चेतावनी सही समय पर सामने आ जाए। इस प्रणाली को केवल चेन्नई के लिए ही नहीं बल्कि मुंबई जैसे अन्य तटीय शहरों के लिए भी एक गेम-चेंजर माना जा रहा है, जहां शहरी बाढ़ मानदंड बन गया है।
1-2 सप्ताह होगा इसका परीक्षण
तमिलनाडु में आपदा प्रबंधन और शमन का अधिकारी जे राधाकृष्णन ने कहा कि सीफ्लोज को तुरंत काम में लिया जाएगा। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन पोर्टल टीएन-स्मार्ट के साथ एकीकृत होने से पहले 1-2 सप्ताह के लिए इसका परीक्षण किया जाएगा। सिस्टम को महानगर के मुख्य शहरी क्षेत्र के लिए डिजाइन किया गया है, जो 426 वर्ग किमी में फैला है। बाद में इसे ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के हवाले कर दिया जाएगा जिसके लिए काम चल रहा है।
10 दिनों का होगा पूर्वानुमान
एनसीसीआर डायरेक्टर एमवी रामामूर्ति ने बताया कि यह एक एकीकृत जीआईएस-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली है, जो संभावित 10 दिनों के पूर्वानुमान पर अपनी सेवा प्रदान करेगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और तमिलनाडु सरकार ने संयुक्त रूप से इसे विकसित किया है। यह होस्ट किया जाएगा और आईएमडी, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएनसीओआइएस से मौसम संबंधी डेटा इनपुट के साथ एनसीसीआर में परिचालन किया जाएगा।
सिस्टम परिदृश्य को अनुकरण कर सकता है और भविष्यवाणी कर सकता है कि किसी विशेष क्षेत्र में क्या होगा। इसमें 6 मॉड्यूल हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे, इमारतों, सड़कों और वार्ड की सीमाओं में बाढ़ के 3डी दृश्य शामिल हैं।
तकनीक क्या है और यह कैसे काम करता है
1. यह एक एकीकृत जीआईएस-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली है, जो संभावित 10 दिनों के पूर्वानुमान पर पूर्वानुमान प्रदान करता है।
2. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और तमिलनाडु सरकार ने संयुक्त रूप से इसे विकसित किया है।
3. इसे होस्ट किया जाएगा और आईएमडी, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएनसीओआइएस से मौसम संबंधी डेटा इनपुट के साथ एनसीसीआर में परिचालन किया जाएगा।
4. सिस्टम परिदृश्य को अनुकरण कर सकता है और भविष्यवाणी कर सकता है कि किसी विशेष क्षेत्र में क्या होगा।
5. इसमें 6 मॉड्यूल हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे, इमारतों, सड़कों और वार्ड की सीमाओं में बाढ़ के 3डी दृश्य शामिल हैं।
चेन्नई में बाढ़ का खतरा क्यों है?
चेन्नई स्थलाकृति, उच्च जनसंख्या घनत्व और अनियोजित तेजी से शहरीकरण के संयोजन के कारण बाढ़ का खतरा है। हालांकि यह तीन प्राकृतिक जलस्रोत है- कुवम, अडयार और बकिंघम नहर।