17 आवासीय परिसरों में पर हुई छापेमारी
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि समूह मुख्य रूप से प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए शैक्षिक और कोचिंग संस्थान चला रहा है और इसमें कई भागीदार कंपनियां और समूह द्वारा नियंत्रित ट्रस्ट शामिल हैं। बोर्ड आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाता है। बयान के अनुसार खुफिया जानकारी के आधार पर नामक्कल, पेरुंदुरै, करुर और चेन्नई में समूह के प्रमोटरों के 17 आवासीय परिसरों में छापेमारी की गई।
इस तरह से किया जाता है फर्जीवाड़ा
सीबीडीटी ने कहा है कि खुफिया जानकारी में बताया गया था कि ग्रुप स्टूडेंट्स को दी जाने वाली पर्ची में धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए के टैक्स की चोरी कर रहा है। बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ग्रुप इस मॉडल पर काम कर रहा था कि यह विद्यार्थियों से फीस का एक हिस्सा कैश में लेता था और बाकी दूसरे माध्यमों से। फीस का जो हिस्सा कैश में लिया जाता था, उसे बिल के तौर पर दर्ज नहीं किया जाता था। वहीं केवल अलग तरह के माध्यमों से जमा की गई फीस के लिए ही पर्ची दी जाती थी।
इस तरह छिपाई जाती थी धनराशि
बोर्ड ने कहा कि इन फीस की पर्चियों में फीस कम दिखाने के अपराध के सूबुत संस्थान के फॉर्म, डायरियों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में मेंटेन किए गए बड़ी धनराशि वाले गैर दर्ज एकाउंट देखकर चलता है।