जल्लीकट्टू विरोध प्रदर्शन: 26460 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेगी तमिलनाडु सरकार
- 308 मामले होंगे रद्द

चेन्नर्ई.
तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को वर्ष 2017 के जनवरी महीने में जल्लीकट्टू विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज 308 मामलों को वापस लेने का आदेश जारी किया। इस दौरान राज्यभर में दर्ज 308 मामलों में 26,460 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे। शनिवार को जारी आदेश में कहा गया कि सभी 308 मामलों को वापस लेने की उचित कार्रवाई अधिकारियों द्वारा की जाएगी, चाहे मामला जांच के अधीन हो या लंबित मुकदमे में। 308 मामलों में से 281 की जांच चल रही है और 27 मामलों में मुकदमा लंबित है। ऐसे मामलों को वापस लेने के आदेश है जिनमें पुलिस वाहन और पुलिसकर्मियों पर हमला के मामले न हो।
यह आदेश 5 फरवरी को मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी की विधानसभा में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को उनके संबोधन के लिए धन्यवाद प्रस्ताव में घोषणा के बाद जारी हुआ। गृह सचिव एस. प्रभाकर ने आदेश में कहा कि पुलिस महानिदेशक ने मामलों के विवरण को वापस लेने पर विचार किया। सरकारी वकील ने भी अपनी राय दी थी कि आगे की कार्यवाही को रोका जा सकता है।
आदेश में कहा गया है, ऐसे मामलों में जहां अभी भी जांच लंबित है, आगे की कार्रवाई पुलिस द्वारा रोकी जा सकती है। प्रभाकर ने कहा, "जिन मामलों में मुकदमे लंबित हैं, उन मामलों में सहायक लोक अभियोजक को मुकदमा वापस लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत आवेदन स्थानांतरित करने और उस प्रक्रिया का पालन करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है। जब ऐसे मामले आते हैं जिनमें भारतीय रेलवे अधिनियम शामिल होता है, तो मुकदमे की अदालत के समक्ष केंद्र से और अनुमति प्राप्त की जा सकती है और मामलों के प्रभारी सहायक लोक अभियोजक को धारा 321 के तहत आवेदन स्थानांतरित करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है। मुकदमा वापस लेने के लिए सीआरपीसी भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची के कू्ररता निवारण अधिनियम के तहत दायर किए गए मामलों की वापसी के लिए केंद्र से कोई अनुमति आवश्यक नहीं है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017 के जनवरी महीने में जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ पूरे राज्य में प्रदर्शन हुआ था। हजारों लोग जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर एकत्र हो गए थे। आखिरकार में विरोध प्रदर्शन पुलिस और कुछ समूह के लोगों के बीच हुई हाथापाई से खत्म हुआ था। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।
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