वाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER ) में वर्ष 2019 के एमबीबीएस MBBS सत्र की काउंसलिंग बुधवार को ही शुरू हो गई लेकिन पुदुचेरी Puduchery के स्थानीय विद्यार्थियों के लिए यह काउंसलिंग counselling शुक्रवार को शुरू हुई।
पुदुचेरी. जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER ) में वर्ष 2019 के एमबीबीएस MBBS सत्र की काउंसलिंग बुधवार को ही शुरू हो गई लेकिन पुदुचेरी Puduchery के स्थानीय विद्यार्थियों के लिए यह काउंसलिंग
counselling शुक्रवार को शुरू हुई। इस बीच दोहरी स्थानीय नागरिकता के मामले को लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध फर्जी नागरिकता वाले विद्यार्थियों को काउंसलिंग से बाहर करने के लिए किया गया जो जिपमेर में एमबीबीएस की सीट पाने के लिए फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र बनवा रखा था।
बिना बॉयोमेट्रिक फिंगरप्रिंट, फोटो और सर्टिफिकेट को बिना पुष्टि किए प्रत्याशियों को काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। इस काउंसलिंग की लाइव टेलीकास्ट शुक्रवार को किया गया। वहीं २९ फर्जी विद्यार्थी जिन्होंने टॉप ६२ प्रत्याशियों की सूची में जगह पाई है उन्हें काउंसलिंग से हटाने के लिए गुरुवार को पुलिस में केस दर्ज कराया। अभिभावक संघ के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यम का कहना है कि जिन विद्यार्थियों ने फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर सूची में नाम हासिल किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
उनका आरोप है कि उत्तरप्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा के निवासी खुद को पुदुचेरी का स्थानीय निवासी बताकर सूची में सीट पा रहे हैं। जिपमेर में २०० एमबीबीएस की सीटें हंै और ५५ सीटें पुदुचेरी के स्थानीय प्रत्याशियों के लिए हंै। सीपीआई पुदुचेरी के सचिव ए.एम. सलीम का कहना है कि ऐसा कर पुदुचेरी लोग पुदुचेरी के स्थानीय विद्यार्थियों के अधिकार पर अतिक्रमण कर रहे हैं। यह यहां के स्थानीय विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। प्रशासन को पुदुचेरी के राजस्व विभाग से इसकी सचई की जांच करनी चाहिए। यह अत्यंत दुख की बात है कि दूसरे साल ऐसा फर्जीवाड़ा हो रहा है और सरकार और प्रशासन के कान पर जू तक नहीं रेंगी।
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