डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार को विद्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए सख्ती से कदम उठाना चाहिए ताकि समय रहते ऐसे हालात को रोका जा सके।
उल्लेखनीय है कि जेएनयू परिसर में स्कूल ऑफ लैंग्वेज के रीडिंग रूम में एक छात्र ने फांसी लगा ली थी। मृतक की पहचान तमिलनाडु के वेलूर जिला निवासी ऋषि जोशुआ थॉमस (24) के रूप में हुई है।
वह एमए इंग्लिश द्वितीय वर्ष का छात्र था और माही मांडवी हॉस्टल में रहता था। घटना के बाद विश्वविद्यालय के चार छात्रों ने पुलिस को बताया था कि ऋषि बुधवार से ही कैंपस के आसपास घूम रहा था, लेकिन हॉस्टल में अपने कमरे पर नहीं आया था।
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त देंवेंद्र आर्य ने बताया कि किसी छात्र ने देखा कि स्कूल ऑफ लैंग्वेज के रीङ्क्षडग रूम का दरवाजा अंदर से बंद है। इसके बाद एक छात्र ने खिड़की से अंदर देखा तो ऋषि पंखे से लटक रहा था।
छात्र ने हॉस्टल के वार्डन को इसकी सूचना दी। हॉस्टल के इंचार्ज से सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मौका मुआयना किया। साथ ही दरवाजा तोड़कर ऋषि को नीचे उतारा और जेएनयू के डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि ऋषि ने एक प्रोफेसर को सुसाइड नोट ईमेल भी किया था। हालांकि उसमें क्या लिखा है, यह अभी पता नहीं चला है। आत्महत्या का कारण क्या है, यह अभी तक पता नहीं लग पाया है।
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ऋषि ने इससे पहले वाली परीक्षा भी छोड़ दी थी। इससे पहले भी ऋषि ने एक बार हॉस्टल में सुसाइड करने का प्रयास किया था।