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कर्मवीर योद्धा: ‘फर्ज के लिए जान जाने का भी भय नहीं’

locationचेन्नईPublished: Apr 09, 2020 02:04:43 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

Karmvir-awards-story-of-Supervisor Uma-against-coronavirus in Chennai: आइसोलेशन वार्ड की सुपरवाइजर उमा देवी (50) उनमें से एक हैं जो अपने फर्ज के लिए जान भी कुर्बान करने को तैयार हैं।

Karmaveer-became-warrior-Ward Supervisor-against-coronaVirus

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पुरुषोत्तम रेड्डी @ चेन्नई.

तमिलनाडु के 34 जिले कोरोना की जद में है। संकट की इस घड़ी में डॉक्टर्स, नर्स, पुलिस और प्रशासन कोरोना को मात देने के लिए जी जान से जुटे हैं। घर-परिवार से दूर इनको सिर्फ और सिर्फ अपने कर्तव्य और मरीजों के उपचार की चिंता है। तमिलनाडु में ऐसे हजारों कर्मवीर अपनी जिन्दगी को दांव लगाकर समर्पित सेवाभाव से कार्य कर रहे हैं।

स्टेनली गवर्नमेंट हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड की सुपरवाइजर उमा देवी (50) उनमें से एक हैं जो अपने फर्ज के लिए जान भी कुर्बान करने को तैयार हैं। वे ड्यूटी के समय अधिकतर कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मरीजों और उनकी देखभाल करने वाली नर्स और स्टाफ के बीच घिरी रहती हंै।

मरीज और नर्स को करती हैं प्रेरित
उमा देवी कहती हैं परिवार तो ठीक है लेकिन कोरोना के मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी भी मेडिकल स्टाफ की ही है। डॉक्टर-नर्स मरीजों को बचाने में जुटे हुए हैं। वे मरीजों और स्टाफ नर्स को मोटिवेट करती हैं। बीमारी का खौफ सभी में है। हम भी इंसान हैं, लेकिन जब वार्ड में पहुंच जाते हैं तो डर दूर हो जाता है। वे मरीजों को मोटिवेट करती हैं कि आप डरें नहीं, आप ठीक हो जाएंगे। उनसे कहती हूं कि आप आइसोलेशन में घबराएं नहीं, हम तो आपके साथ हैं।

डर के आगे जीत है
उमा का कहना है कि वे भली-भांति जानती हैं कि यहां ड्यूटी उनके और उनके परिवार के लिए कितनी भयानक हो सकती है लेकिन फर्ज के लिए जान जाने का भी भय नहीं है। वे पहले टीबी मरीजों के वार्ड में थी। उनको कोरोना वायरस का जरा भी डर नहीं है। अब तो ठान लिया है कि कोरोना को हराकर ही दम लेंगे।

हर मुश्किल की घड़ी में हम सेवा के लिए तैयार हैं। कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले स्टाफ घर नहीं जा सकते। सिर्फ फोन पर ही बात होती है। वे उनको भी यही कहती हैं कि आप घबराएं हम बिल्कुल ठीक हैं। जहां तक स्टेनली सरकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ का सवाल है तो हम सभी ने यह तय किया है कि हम डरेंगे नहीं, लड़ेंगे।

सेवा करने का मौका दिया
मेरे पति मीडिया में है और बेटी आइएएस की तैयारी कर रही है। दोनों को इस भयानक परिस्थिति के बारे में पूरी जानकारी है लेकिन दोनों मुझे मोटिवेट करते हैं। वे कहते हैं ऊपर वाले ने तुम्हें एक मौका दिया है, ऐसे लोगों की सेवा करने का जो महामारी के शिकार हुए हैं। बेटी और पति का पूरा सहयोग मिल रहा है और मुझे उम्मीद है कि हम संकट से उभर जाएंगे और स्वस्थ्य जीवन जी सकेंगे।
उमा देवी, सुपरवाइजर, स्टेनली अस्पताल।

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