scriptकोडंगयूर डंपयार्ड व पेयजल है मुख्य चुनावी मुद्दा | Kodangyur dipard and drinking water is main election issue | Patrika News

कोडंगयूर डंपयार्ड व पेयजल है मुख्य चुनावी मुद्दा

locationचेन्नईPublished: Apr 16, 2019 01:17:25 am

उत्तरी चेन्नई में बुनियादी ढांचा, पीने का पानी और कचरा डंपिंग यार्ड इस आम चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बना है। कमोबेश राजधानी में पेयजल संकट…

Kodangyur dipard and drinking water is main election issue

Kodangyur dipard and drinking water is main election issue

चेन्नई।उत्तरी चेन्नई में बुनियादी ढांचा, पीने का पानी और कचरा डंपिंग यार्ड इस आम चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बना है। कमोबेश राजधानी में पेयजल संकट आम है लेकिन उत्तरी चेन्नई में गर्मी के शुरुआती दिनों से ही हाहाकार शुरू हो जाती है। चुनाव से पहले मतदाता सबसे ज्यादा जोर अपने-अपने इलाके में पानी उपलब्ध कराने पर दे रहे हैं। उत्तर चेन्नई के इलाकों में पानी की बड़ी किल्लत है। कोडंगयूर में कचरा डंपिंग यार्ड ने क्षेत्र के रहवासियों का जीना दूभर कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कचरे की वजह से आए दिन लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत होती रहती है। हालांकि डीएमके ने अपने विधानसभा उपचुनाव घोषणापत्र में डंप-यार्ड को स्थानांतरित करने का उल्लेख किया है।

उत्तर चेन्नई व्यापारियों, मछुआरों और मजदूरों जैसे सामाजिक-आर्थिक समूहों का इलाका है। यहां पाइप्ड जलापूर्ति की कमी चुनावी मुद्दा बनकर उभरी है। बुनियादी ढांचे के विकास में धीमी प्रगति और लंबे समय से उपेक्षित मांगें स्थानीय निवासियों की चिंताएं हैं। चेन्नई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्रों में रॉयपुरम, तिरुवत्तीयूर, राधाकृष्णन नगर, तिरुविका नगर, कोलत्तूर और पेरम्बूर शामिल हैं। इस लोकसभा सीट में कुल 1468523 मतदाता हैं जिनमें 720133 पुरुष, 747943 महिलाएं और 447 अन्य शामिल हैं।

यह क्षेत्र डीएमके का गढ़ माना जाता है। अभी तक के लोकसभा चुनाव में डीएमके ने इस सीट से 10 बार जीत हासिल की है। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के नेतृत्व में 2014 में एआईएडीएमके ने इस सीट पर सेंधमारी कर पहली बार अपना कब्जा जमाया।

पेशे से ऑटो चालक इलांगो ने बताया कि एआईएडीएमके, डीएमके और सीपीआई (एम)- के उम्मीदवार यहां से चुने गए थे, लेकिन उन्होंने डंप-यार्ड को स्थानांतरित करने के लिए कुछ नहीं किया। अब, डीएमके घोषणापत्र ने इसका उल्लेख किया है, लेकिन हमें इस पर संदेह है कि कहीं इस बार भी यह सिर्फ चुनावी घोषणा बन कर न रह जाए।

इस चुनावी मौसम में अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों ने जन समस्याओं के समाधान का वादा किया है लेकिन देखना होगा जनता किसे चुनती है। कोरुक्कपेट में दुकान चलाने वाले षणमुगम आर. ने कहा कि उत्तरी चेन्नई में बेहतर सडक़ संपर्क का अभाव भी यहां के प्रमुख मुद्दों में से एक है। हम एमकेबी नगर को कोरुक्कपेट से जोडऩे वाले पुल की मांग करते हैं जो सबसे भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। निजी कंपनी में काम करने वाले पेरम्बूर निवासी रमेश बाबू ने कहा कि चुनाव आ गए हैं और इसलिए उत्तरी चेन्नई का चेहरा बदलने के लंबे वादे किए जा रहे हैं। कोडंगयूर डंपयार्ड, सीवेज ब्लॉक, भूजल प्रदूषण और यातायात जाम जैसी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

प्रत्याशियों का मतदाताओं से वादा

डीएमडीके उम्मीदवार आर मोहन राज ने पानी की कमी और मछुआरों के मुद्दों का समाधान करने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक कार्यालय खोलने की योजना है। मैं केंद्र की आवासीय योजना को निर्वाचन क्षेत्र में लाने का प्रयास करूंगा।

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी, मक्कल निदि मय्यम (एमएनएम) के उम्मीदवार एजी मौर्य ने कहा कि मैं यहां उन मुद्दों को जानता हूं, जो दो दशकों से हल नहीं हुए हैं। मैं शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा।

डीएमके के उम्मीदवार डा कलानिधि वीरासामी ने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सत्ता का दुरुपयोग है। मेरे पास निर्वाचन क्षेत्र के लिए छोटी और दीर्घकालिक योजनाएं हैं। मेरे पास डंपयार्ड और पीने के पानी की समस्याओं के समाधान और समाधान के लिए एक टीम होगी। स्वास्थ्य और बेहतर आवास भी मेरी प्राथमिकता होगी।

लोकसभा सीट का इतिहास

नॉर्थ चेन्नई सीट पर फिलहाल वेंकटेश बाबू टीजी सांसद हैं। एक समय यह सीट द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) की सबसे मजबूत सीटों में से एक मानी जाती थी लेकिन 2014 के चुनाव में ऑल इंडिया अण्णा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) ने इस सीट पर जीत हासिल की। इस सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था। 1957 से 2014 से इस सीट पर कुल 15 बार मतदान हुआ और इसमें 10 बार डीएमके जीत हासिल कर सबसे आगे रही थी जबकि कांग्रेस को चार बार इस सीट पर जीत मिली है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां कुल 63.99 प्रतिशत मतदान हुआ था जिसमें एआईएडीएमके को 44.69 प्रतिशत, डीएमके को 33.73 प्रतिशत और कांग्रेस को 2.66 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। वेंकटेश बाबू ने 99,704 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने डीएमके के आर गिरिराजन को शिकस्त दी थी। वेंकटेश बाबू को 4,06,704 जबकि गिरिराजन को 3,07,000 मत मिले थे।

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