बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने तमिलनाडु में बड़े उलटफेर के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द मैं डीएमके नेता एमके स्टालिन के बड़े भाई एमके अलगिरी को भी बीजेपी में लाने की कोशिश करूंगा। डीएमके से निकाले गए एमके अलगिरी अपना अलग संगठन बनाने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी पार्टी का नाम कलैनार द्रविड़ मुनेत्र कझगम हो सकता है।
केपी रामलिंगम अलगिरी के काफी करीबी माने जाते हैं। उन्होंने तमिलनाडु के बीजेपी प्रभारी सीटी रवि से मुलाकात कर अमित शाह से मिलने का समय मांगा था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली।
बीजेपी को पहुंचाएंगे लाभ
बता दें कि पूर्व सांसद केपी रामलिंगम को डीएमके प्रमुख एमके अलागिरी का विरोधी और उनके बड़े भाई का करीबी नेता माना जाता है। करुणानिधि के निधन के बाद रामलिंगम ने अलगिरी के बड़े भाई को डीएमके प्रमुख बनाने को लेकर अभियान चलाया था। तभी से डीएमके प्रमुख उनसे नाराज चल रहे हैं। अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वो आगामी चुनाव में डीएमके को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तय है कि इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिलेगा।