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राज्यपाल के अभिभाषण में नीट को खत्म करने को लेकर नहीं था उल्लेख: रामदास

locationचेन्नईPublished: Jun 21, 2021 07:34:32 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने सोमवार को कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान नीट परीक्षा को कैसे खत्म किया जाएगा

राज्यपाल के अभिभाषण में नीट को खत्म करने को लेकर नहीं था उल्लेख: रामदास

राज्यपाल के अभिभाषण में नीट को खत्म करने को लेकर नहीं था उल्लेख: रामदास


चेन्नई. पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने सोमवार को कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान नीट परीक्षा को कैसे खत्म किया जाएगा, इस पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के अभिभाषण में स्पष्टता की कमी निराशाजनक है। राज्यपाल के अभिभाषण से ही डीएमके सरकार के नेतृत्व वाली विधानसभा सत्र की शुरूआत हुई है। तमिलनाडु सरकार राज्य को नीट से छूट देने वाले कानून के लिए राष्ट्रपति की सहमति कैसे प्राप्त करेगी, का उल्लेख भी नहीं था। हालांकि उन्होंने कृषि बजट और सेवा का अधिकार अधिनियम के प्रस्ताव का स्वागत किया।

 

यहां जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कृषि के लिए अलग बजट की लंबे समय से मांग की जा रही है। मै रघुराम राजन जैसे लोगों से बनी एक आर्थिक सलाहकार समिति के गठन का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि राज्य में बजट समस्या की तरह ही नीट समस्या भी उभरी है। राज्यपाल का कहना है कि तमिलनाडु को नीट से छूट दिलाने वाली कानून के लिए राष्ट्रपति से सहमति ली जाएगी, लेकिन एआईएडीएमके सरकार द्वारा पास हुए कानून को केंद्र सरकार ने वापस भेज दिया है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि राज्य सरकार को इस संबंध में राष्ट्रपति की अनुमति कैसे मिलेगी।

 


रामदास ने कहा कि नौकरियों में सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को प्राथमिकता देने की योजना स्वागतयोग्य है। लेकिन राज्य सरकार के विभागों में 3.५ लाख रिक्त पदों को भरने और 2 लाख सरकारी नौकरियों के सृजन का कोई उल्लेख नहीं है। इसके अलावा इस बात का भी कोई आश्वासन नहीं मिला कि वन्नियार के लिए एमबीसी कोटे के भीतर 10.५ फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा। इसके अलावा राज्यपाल के अभिभाषण में डीएमके की चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं को एक हजार महीने देने, 5 सवरन तक के लोन को माफ करने और वूमन सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा लिए गए ऋणों को माफ करने के संबंध में भी कोई उल्लेख नहीं था।

 


चुनाव से पहले डीएमके ने 500 से अधिक वादे किए थे, लेकिन सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में पांच वादों का भी उल्लेख नहीं किया गया। इसके अलावा राज्यपाल के अभिभाषण में अनाज और गन्ना की खरीद के बारे में भी कुछ भी नहीं था। लेकिन आशा है कि मंगलवार को विधानसभा में शुरू होने वाले सत्र में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।

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