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तमिलनाडु के मछुआरों से जब्त की गई नौकाओं की नीलामी करेगी श्रीलंकाई सरकार

locationचेन्नईPublished: Jan 24, 2022 05:21:12 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

विभाग ने पहले ही द्वीप राष्ट्र में समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर बोली दाताओं से नीलामी में भाग लेने के लिए कहा है।

Lanka to auction 105 seized boats, fishers all at sea

Lanka to auction 105 seized boats, fishers all at sea

चेन्नई.

श्रीलंका का मत्स्य पालन और जलीय विभाग पिछले कुछ वर्षो में तमिलनाडु के मछुआरों से जब्त की गई १०५ मछली पकडऩे वाली नौकाओं की नीलामी करेगा। विभाग ने पहले ही द्वीप राष्ट्र में समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर बोली दाताओं से नीलामी में भाग लेने के लिए कहा है।

विज्ञापन में कहा गया है कि जाफना जिले के कराईनगर में सात फरवरी को ६५ नावों की नीलामी की जाएगी। आठ फरवरी को जाफना जिले के कांगेसंथुरई में पांच नावों की नीलामी की जाएगी, जबकि नौ फरवरी को किलिनोई जिले के किरांची में २४ नावों की, मन्नार जिले के तलाईमन्नार में नौ नौकाओं की १० फरवरी को और दो नावों की नीलामी पुट्टलम जिले के कल्पितिया में की जाएगी। ११ फरवरी को कुल १०५ नावों की नीलामी होगी।

तमिलनाडु मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंका सरकार मछली पकडऩे वाली नाव को कबाड़ के मूल्य पर बेचेगी क्योंकि हिरासत की अवधि के दौरान ठीक से रखरखाव नहीं किए जाने के कारण अधिकांश नावों में जंग लग गई है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) को पार करने के लिए तमिलनाडु के रामनाथपुरम, नागापट्टिनम, मंडपम, पुदुकोट्टई, मायलादुथुराई और तंजावुर क्षेत्रों से कई मछुआरों को उनकी मछली पकडऩे वाली नौकाओं के साथ गिरफ्तार किया था।

जेगाथापट्टिनम फिशर एसोसिएशन के अध्यक्ष बी. बालमुरुगन ने कहा कि श्रीलंका सरकार द्वारा की जाने वाली नीलामी को रोका जाना चाहिए और भारत सरकार को जल्द से जल्द मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। नीलामी सैकड़ों लोगों की उम्मीदों को खत्म कर देगी। मछुआरे जो अपनी नावें वापस चाहते हैं। इससे मछुआरों की आजीविका खत्म हो जाएगी और सरकार क्षतिपूर्ति नहीं कर पाएगी। भारत सरकार को मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।

पीएमके नेता डॉ. एस. रामदास ने मछुआरों की आजीविका की नीलामी को लेकर श्रीलंका सरकार के फैसले की निंदा की और कहा कि द्वीप राष्ट्र को नावों की नीलामी का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भारत का अपमान है जिसने मछुआरों सहित हिरासत में ली गई नौकाओं को छोडऩे की मांग की थी।

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