तेंदुआ शनिवार सुबह सुनसान गोदाम में देखा गया था। हालांकि, उसने इस दौरान किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और ना ही किसी घरेलू जानवर पर हमला किया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले वन संरक्षक एस. बालसुब्रमण्यम ने बताया कि जैसे ही तेंदुआ जाल में फंसा, वैसे ही पशु डॉक्टरों की एक टीम उसकी हेल्थ की निगरानी की और उसे स्थिर पाया।
अनामलाई टाइगर रिजर्व पोलाची के फील्ड निदेशक आदित्य राम सुब्रमण्यम ने कहा कि आज हमने 5 दिनों के अभियान में 3 साल के तेंदुए को बचाया है। तेंदुआ कोयम्बत्तूर के एक निजी गोदाम में छिपा था। सूचना पर वन विभाग के कर्मियों ने गोदाम के एंट्री और एग्जटि गेट पर तीन पिंजड़े लगाए और बाहर निकलने से रोकने के लिए खुली जगह में जाल बिछा दिया।
पिंजरे में तेंदुए को आकर्षित करने के लिए कुछ मांस और पानी भी रखा गया था। हालांकि, तीन साल के बच्चे ने पिंजरे के पास आकर और वापस भागकर लुका-छिपी खेली। गोदाम के अंदर की स्थिति को देखते हुए इसे शांत करने की योजना भी रद्द कर दी गई थी। तमिलनाडु के मुख्य वन्यजीव संरक्षक शेखर कुमार नीरज से परमिशन मिलने के बाद तेंदुए को बाद में जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
इससे पहले तमिलनाडु के कोयम्बत्तूर जिले में पिछले महीने एक कॉलेज परिसर में एक तेंदुआ घुस गया था। इससे इलाके के लोगों में दहशत फैल गई। तेंदुए ने वहां से जाने से पहले एक कुत्ते को मार डाला। पुलिस के मुताबिक, कॉलेज के चौकीदार ने परिसर में तेंदुए को देखने के बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी। त्योहारी सीजन होने के कारण कॉलेज बंद था और आसपास वहां कोई मौजूद नहीं था।