इस दौरान कर्नल बैंसला ने कहा कि अभ्यर्थियों की जायज मांग पर संघर्ष समिति व समाज साथ है। सरकार व्याख्याता सहित सभी वे भर्तियां जिनका परिणाम नौ दिसम्बर से पहले आ चुका है, उनमें नियुक्ति तुरन्त प्रभाव से दे। यदि सरकार बहुत जल्द कोई निर्णय की स्थिति में नहीं आई तो किसी भी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।
25 फरवरी को करौली के घुडला गांव में आयोजित महापंचायत में समाज आगामी रणनीति बनाएगा। उन्होंने गुर्जर समाज के दो धड़ों में बंटने वाले मामले में कहा कि समाज एसबीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति व आरक्षण के मामले में एक है।
हिम्मतसिंह पाड़ली ने कहा कि सरकार पहले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे, इसके बाद ही गुर्जर समाज टेबल पर सरकार से वार्ता करेगा। उन्होंने कहा कि कई जिलो में पुलिस अभ्यर्थियों के घर पहुंचकर पूछताछ के नाम पर परिजनों को परेशान कर रही है। इससे समाज में रोष है। अभ्यर्थी शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हंै। इस दौरान अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए।
सरपंच अमरसिंह कसाना, देव सेना अध्यक्ष जलसिंह कसाना, गिरिराज घुरैया, राजस्थान गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र खूंटला, रामप्रसाद पटेलवाला, जिला गुर्जर महासभा के अध्यक्ष एडवोकेट राजेन्द्र कसाना, कृष्ण गुर्जर, युवा कांग्रेस लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष सुरेन्द्र गुर्जर, धारासिंह बासड़ा, चंचल कसाना आदि भी धरना स्थल पहुंचे। दूसरे दिन पांच और अभ्यर्थियों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, सीकर, नागौर, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर सहित अन्य जिलों के व्याख्याता सहित अन्य परीक्षाओं में चयनित एसबीसी के अभ्यर्थी मंगलवार से धरने पर बैठे हैं। गुरुवार से 5 अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू किया था।