दिल्ली से आर्ई थी युवती
पुलिस के अनुसार नई दिल्ली की रहने वाली 27 वर्षीय पीडि़ता 1 दिसम्बर की रात को बैंक की नौकरी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कुंभकोणम पहुंची। ट्रेन से उतरने के बाद लॉज तक पहुंचने के लिए कामराजार सालै से उसने ऑटो कर लिया। लॉज में पहले से उसका कमरा बुक था। ऑटो चालक उसे गलत रास्ते से ले जा रहा था। संदेह होने पर उसने पनी सहेली को फोन किया और आपबित्ती बताई। ऑटो चालक ने उसे बाईपास रोड पर उतरकर जाने को कहा। बाईपास रोड पर जाते वक्त उसने बाइक से आ रहे दो लोगों से मदद मांगी और उसे गणतव्य तक पहुंचाने को कहा।
चार दरिंदो ने किया यौन शोषण
दोनों बाइक सवारों ने युवती को नाचियारकोविल बाईपास रोड पर सूनसान जगह ले गए और दो अन्य दोस्तों को मौके पर आने के लिए कहा। चारों ने उसका यौन उत्पीडऩ किया और उनमें से एक ने उसे नचियारकोइल रोड से एक ऑटो में उस जगह ले गए जहां से उसे बैठाया गया था। इस बीच जब ऑटो मछली बाजार क्षेत्र में पहुंचा, तो युवकों ने अपने दोस्तों को ऑटो चालक के मोबाइल पर फोन किया और उन्हें बस स्टैंड आने को कहा। बाद में वह ऑटो से पीडि़ता को एक लॉज में के निकट छोड़ दिया गया।
चारों आरोपी स्थानीय निवासी
ऑटो से उतरने के बाद पीडि़ता ने ऑटो नंबर नोट किया और अगले दिन सुबह उसने अपने दोस्तों को आपबित्ती सुनाई। उसके माता-पिता को इस घटना के बारे में सूचित किया गया और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पीडि़त द्वारा बताए गए वाहन पंजीकरण संख्या के आधार पर ऑटो चालक की पहचान की।
मजबूरी का फायदा उठाया
चार आरोपियों – दिनेश (26), वसंतकुमार (23), पुरुषोत्तमन (21) और अनबरसन (21) को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पुलिस ने ऑटो चालक गुरुमूर्ति (26) को भी पहचान लिया था, जिसने उसे रेलवे जंक्शन के पास कामराजार सालै से बैठाया था और बाईपास रोड पर छोड़ दिया था। मामले की सुनवाई के बाद महिला अदालत के न्यायाधीश एझीलारसी ने सोमवार को सभी चार आरोपियों को मौत की सजा और गुरुमूर्ति को एक असुरक्षित स्थान पर युवती को छोडऩे के लिए सात साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।