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जैसी वृत्ति वैसा ही आचरण

locationचेन्नईPublished: Feb 04, 2019 12:26:41 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

कपिल मुनि ने कहा कि इस धरती पर मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो विशिष्ट शक्तियों से सम्पन्न है।

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जैसी वृत्ति वैसा ही आचरण


चेन्नई. टी नगर स्थित माम्बलम जैन स्थानक में रविवार को कपिल मुनि ने कहा कि इस धरती पर मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो विशिष्ट शक्तियों से सम्पन्न है। अन्य प्राणियों के पास सिर्फ जीवन है। मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके पास जीवन के साथ जीवन मूल्य भी है। अन्य प्राणियों के पास सिर्फ शक्ति है लेकिन मनुष्य के पास शक्ति के साथ समझ शक्ति भी है। जीवन उसी का महान और सफल होता है जो प्राप्त शक्ति, संपत्ति और संसाधनों का सही उपयोग करते हैं। प्राप्त शक्ति का दुरुपयोग अनर्थ का कारण है। जिसके फलस्वरूप वर्तमान जीवन दुखी और भविष्य में जीव दुर्गति का पात्र बनता है। इससे बचने का प्रयास विवेकशील मनुष्य को करना चाहिए।
मुनि ने जीवन व्यवस्था को बिगाडऩे वाले दुर्गुणों की भयंकरता का जिक्र करते हुए कहा कि व्यक्ति का जीवन वृत्ति और परिवृत्तियों का जोड़ है। जैसी वृत्ति होगी वैसा ही आचरण होगा। व्यक्ति को आदतजन्य वृत्तियों को समय रहते बदलने का प्रयास करना चाहिए। आदतें व्यक्ति की किस्मत बदल देती है और आदत ही व्यक्ति को लाचार बनाती है। मुनि ने कहा विपत्ति के समय संक्लेश नहीं करने से कर्मों की उदीरणा की जा सकती है। अशुभ कर्मों का उदय हमारे गत जन्मों के पाप का परिणाम है। ये कर्म व्यक्ति द्वारा आमंत्रित मेहमान की तरह हैं जिनका स्वागत हर हाल में करना ही होगा। कर्म बंध के समय सावधान और कर्म उदय में समभाव रखना ही धर्म कला है। धर्म और कर्म के मर्म को समझे बगैर जीवन विज्ञान को नहीं समझ सकते। जीवन सफर को आनंदमय बनाने के लिए तमाम भय के कारणों का निवारण एक मात्र धर्म की शरण से ही संभव है। प्रभु के नाम रूपी मंत्र के स्मरण से सारे भय विदा हो जाते हैं और निर्भयता की स्थिति में जीवन के वास्तविक आनंद की अनुभूति होती है।
प्रवचन के पूर्व मुनि ने संघ के तत्वावधान में आयोजित श्री वर्धमान संस्कार वाटिका में जैन तत्व ज्ञान, सामायिक, प्रतिक्रमण आदि धार्मिक व नैतिक ज्ञानार्जन कर रहे प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

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