कोर्ट ने इस मामले में कई रिट अपील पर विचार करते हुए यह आदेश जारी किया। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके ने भी चुनाव जल्द से जल्द कराने के लिए याचिका लगाई थी। गौरतलब है कि स्थानीय निकाय चुनाव पिछले साल दो चरणों में 17 और 19 अक्टूबर को होने थे। मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन.किरुबाकरन ने चुनाव अधिसूचना को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसमें तमिलनाडु पंचायत (चुनाव) नियम 1995 की पालना नहीं की गई है। यह नियम चुनाव क्षेत्रों के परिसीमन एवं महिलाओं के आरक्षित सीट से जुड़ा हुआ था।
इसके बाद कई कारणों से इस चुनाव में लगातार विलंब होता गया। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ एआईएडीएमके पर आरोप लगाया था कि वह इस चुनाव के लिए तैयार नहीं है। एआईएडीएमके को डर है कि कही वह चुनाव में हार न जाएं। अब अदालत ने स्थानीय निकाय चुनाव की पूरी प्रक्रिया 17 नवम्बर तक समाप्त करने के आदेश दिए हैं।
मरीना बीच पर अब कम होने लगी है पुलिस सुरक्षा
मेडिकल अभ्यर्थी अनीता की आत्महत्या के बाद से ही उत्पन्न हुई स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए पिछले कुछ दिनों से मरीना बीच पर मुश्तैद पुलिस बल ने सोमवार को कुछ राहत की सांस ली। हालांकि ग्रेटर चेन्नई सिटी पुलिस की साइबर अपराध शाखा अभी भी सोशल मीडिया पर अपनी नजर बनाए हुए है विशेषकर उन पोस्टों पर जिसमें अनीता की मौत के लिए न्याय की मांग करते हुए युवाओं से विरोध-प्रदर्शन का अनुरोध किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ ओछे किस्म के लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए भोले-भाले युवाओं को बरगलाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
हालांकि पुलिस के लोग भावुक युवाओं को समझाने में लगे हुए हैं कि वो किसी भी स्थिति में ऐसा कदम ना उठाएं जिससे आम लोगों का समान्य जीवन प्रभावित हो। सूत्रों ने बताया कि अब धीरे-धीरे वहां से सुरक्षा हटाई जा रही है तथा पर्यटकों को बिना किसी प्रतिबंध के मरीना तट पर जाने की अनुमति दी जा रही है।
गौरतलब है कि साल की शुरुआत में हुए जल्लीकट्टू आंदोलन के बाद से महानगर का मशहूर पर्यटन स्थल मरीना बीच प्रदर्शनकारियों के लिए भी पहली पसंद बनता जा रहा है। दरअसल नीट विरोधी आंदोलन को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए पुलिस ने शनिवार को ही एक बयान जारी किया था।
सूत्रों ने बताय कि अभी भी फेसबुक, वाट्सअप आदि सोशल मीडिया संसाधनों के माध्यम से नीट को खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन किए जाने की अफवाहें फैलाए जाने का काम किया जा रहा है। ऐसे में पुलिस बल विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को यह समझाने में जुटी हुई है कि वो इस तरह की किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।