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चेन्नई की रेखा जैन ने लॉकडाउन में शुरू किया अचार बनाने का काम, महिलाओं को दे रही रोजगार भी

locationचेन्नईPublished: May 10, 2021 07:28:20 pm

चेन्नई की रेखा जैन लॉकडाउन में कोटा गई और शुरू कर दिया अचार बनाने का काम – चार महिलाओं को रोजगार भी दे रही – अब खुद का साउथ जोन नाम से रेस्टोरेन्ट भी खोला

Lockdown: positive stories

Rekha Jain

अगर इरादे बुलंद हो और मन में कुछ नया करने का संकल्प हो तो चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो, मंजिल हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपने आत्मबल एवं सकारात्मक सोच के बूते आपदा को अवसर में बदल दिया। विपरित हालात के बावजूद चुनौतियों को पार करते हुए अपनी मंजिल तय की। यानी अगर हमारी संकल्प शक्ति यदि मजबूत हो तो हम आसमान से तारे तोड़कर ला सकते हैं। जब प्रकृति भी साथ न दे और हालात भी अनुकूल न हो तो कैसे खुद की सोच एवं काम के तरीके को बदल कर हम नई राह तैयार कर सकते हैं। कहते हैं बूंद-बूंद से घड़ा भर सकता है। ऐसी ही छोटी एवं प्रेरक बातें हमें जीने की राह दिखाती है। पढ़िए ऐसी प्रेरक कहानियां राजस्थान पत्रिका का आगामी अंकों में जो मौजूदा दौर में हर किसी को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही पढ़िए ऐसे लोगों की प्रेरक कहानियां भी जिन्होंने अपने मजबूत इरादों एवं सकारात्मक सोच से कोरोना को मात दी। श्रृंखला की पहली कड़ी में पढ़िए तमिलनाडु की रेखा जैन की प्रेरक कहानी। जिन्होंने लॉकडाउन में घर पर रहकर अचार बनाने का काम शुरू किया और लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया।
चेन्नई. यदि आप में किसी काम के प्रति लगन है और आप कुछ नया करने चाहते हैं तब चाहे हालात कितने भी विपरित हो आप अपना रास्ता खुद बना लेते हैं। कुछ ऐसा ही किया चेन्नई की रेखा जैन ने। पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तो वे चेन्नई से कोटा चली। वहां जाकर उन्होंने घर पर ही अचार बनाने का काम शुरू कर दिया। चार गरीब महिलाओं को उन्होंने काम पर रखा और पहले महीने ही करीब एक हजार अचार की बोतलें बेची। रेखा कीचन के नाम से उनका अचार चल निकला और उन्हें ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। अब वे शुभ एन्टरप्राइजेज फर्म के माध्यम से 250 ग्राम, 500 ग्राम, एक किलो व पांच किलो की पैकिंग में घर पर ही अचार बना रही है। आम का अचार, मिक्स अचार, मिर्ची अचार, सहजवान चटनी, पिजा पास्ता सोस समेत दस तरह की वैरायटी उनके पास है।
बिना कैमिकल का अचार
रेखा जैन कहती है, बाजार में मिलने वाला अचार इतना शुद्ध नहीं होता। कई बार कैमिकल की मिलावट का डर रहता है। ऐसे में उन्होंने घर पर बिना कैमिकल के अचार बनाना शुरू किया। गृह उद्योग से मदद मिली। लोगों का सपोर्ट मिलता गया तो हौसला भी बढ़ता गया। शुरुआत के एक-दो महीने में जरूर दिक्कत आई। बाद में अलग-अलग डिस्ट्रीब्यूटर बना लिए।
मध्यप्रदेश व दिल्ली तक डिमांड
उनका अचार कोटा के आसपास समूचे हाड़ौती के साथ ही राजस्थान के अलग-अलग शहरों, मध्यप्रदेश एवं दिल्ली तक डिमांड है। कई होटल्स एवं रेस्टोरेन्ट से भी डिमांड आने लगी है। खास बात यह है कि अचार बिना किसी मशीन की मदद से घर पर तैयार किया जा रहा है। कच्चे माल की खरीद से लेकर पैकिंग एवं बिक्री तक की निगरानी वे खुद ही करती है।
कोविड पैशेन्ट को भोजन
कोटा में साउथ इंडियन फास्ट फुड की डिमांड को देखते हुए उन्होंने कोटा में साउथ जोन नाम से रेस्टोरेन्ट भी खोला लेकिन रेस्टोरेन्ट की ओपनिंग से पहले ही राजस्थान में लॉकडाउन लग गया। ऐसे में वे इन दिनों भोजन की ऑनलाइन सप्लाई दे रही है। अभी केवल कोविड पैशेन्ट को लागत दर पर खाना दिया जा रहा है।
कुकिंग का 18 साल का अनुभव काम आया
रेखा जैन की पढ़ाई-लिखाई राजस्थान में ही हुई। छोटी उम्र में विवाह हो जाने के बाद वे चेन्नई आ गई। वे पिछले 18 साल से कीचन के फिल्ड से जुड़ी है। चेन्नई में कुकिंग क्लासेज चलाने का उन्हें अच्छा अनुभव रहा है। टीवी पर कई कुकिंग शो में वे आ चुकी है। मास्टर शेफ सीजन-पांच में वे स्थान बना चुकी है।

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