चेन्नई में गाइडलाइन्स के मुताबिक शराब दुकानें खुलने का समय 10 बजे तय था, लेकिन कम से कम दो घंटे पहले यानी 7 बजे से ही दुकानों के बाहर भीड़ जमा हो गई। लोग अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। लोग दुकानें खुलने से पहले ही तस्माक दुकान के बाहर जमा हो गए। और जब दुकानें खुलीं तो कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बनाए गए सामाजिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ गई।
पुलिस बल तैनात
भीड़ का पूर्वानुमान लगाते हुए पुलिस ने बेरिकेटिंग करते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए हुए थे, ताकि शांति व्यवस्था बने रहे। अन्य दुकानें भी खुली थी। जैसा अनुमान था वैसा ही हुआ। मईलापुर में तस्माक दुकानें के बाहर नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस बल तैनात थी। सबसे ज्यादा भीड़ सुबह से ही शराब की दुकानों पर दिख रही है। सुबह से ही शराब के शौकीन कतार में खड़े दिखाई दिए है। 10 मई बाद शराब की दुकानें सोवमार को खुली। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की हुई है। दुकानों में पुलिस बल तैनात कर दिया। कोविड नियम ना टूटे इसलिए सतर्कता बरती जा रही है।
कुछ इलाकों में हुई चूक
सोमवार को शराब की दुकानें खुलने के बाद कुछ इलाकों में सामाजिक दूरी का उल्लंघन हवा होते देखा गया जबकि कुछ इलाकों में ग्राहकों ने समझदारी से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया। उन्हें इस बात का भी डर था कि कहीं निमयों का उल्लंघन हुआ तो दुकानें बंद न हो जाए। शराब खरीदने के लिए घंटों इंतजार करने वाले अधिकतर लोगों का कहना था कि प्रशासन ने अच्छा कदम उठाया है, क्योंकि पिछले एक महीने से कई लोग शराब की कालाबाजारी कर रहे थे। बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी हो रही थी। देसी शराब बनाने वालों ने गढ़ जमाना शुरू कर दिया था।
कम हो रही शराब की बिक्री
एक शराब सेल्समैन मुरुगन ने बताया कि पिछले साल जब लॉकडाउन के बाद शराब दुकानें खुली थीं, तब जो बिक्री हुई थी, उसके मुकाबले इस बार कम लोग है। बिक्री भी इस बार कम हो रही है क्योंकि इस बार लाइन लगाकर, बारी आने पर और गाइडलाइनों का पालन करते हुए ही बिक्री की जा रही है। हालांकि विक्रेताओं ने माना कि जो लोग आ रहे हैं, वो ज्यादा मात्रा में शराब खरीद रहे हैं।