हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक अवमानना का मामला शुरू किया है, जिन्होंने उन पर आरोप लगाया कि जब वह मामले की जांच कर रहे थे, तो उन्होंने उसे बाधित करने की कोशिश की। अदालत में जमा मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्स्टेबल महाराजन ने कहा, ‘आप हमारे खिलाफ कुछ नहीं कर सकते।
न्यायिक मजिस्ट्रेट को उन परिस्थितियों की जांच करने का काम सौंपा गया था, जिसमें तुत्तुकुडी में अपने मोबाइल फोन की दुकान को अनुमति के घंटों से अतिरिक्त समय तक खुला रखने के कारण पिछले 19 जून को गिरफ्तार किए गए पिता और पुत्र की मौत कथित रूप से पुलिस हिरासत में की गई टॉर्चर के कारण मौत हो गई थी।