ज्ञापन में आगे कहा कि याचिकाकार्ताओं और वकीलों पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अदालत परिसरों में प्रवेश से रोक लगाया गया है। इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों और कोर्ट स्टॉफ को भी जरूरी नहीं होने पर कोर्ट परिसर में प्रवेश करने से बचने की सलाह दी गई है।