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मद्रास उच्च न्यायालय ने मांगी सडक़ों की स्थिति पर रिपोर्ट

locationचेन्नईPublished: Feb 28, 2019 05:21:06 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

-चेन्नई कार्पोरेशन से मांगा खर्च का विवरण

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मद्रास उच्च न्यायालय ने मांगी सडक़ों की स्थिति पर रिपोर्ट

चेन्नई. महानगर की सडक़ों की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई कार्पोरेशन को सडक़ों के रखरखाव पर खर्च हुए धन की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही न्यायाधीश एस. मणिकुमार और सुब्रमण्ययम प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य के राजमार्ग सचिव को भी राज्यभर की सडक़ों की स्थिति पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। आर. मुरली द्वारा दायर याचिका, जिसमें याचिकाकर्ता ने सडक़ों की पुरानी डामर को छीले बिना नया डामरीकरण करने पर रोक लगाने के निर्देश देने का आग्रह किया था, पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही सडक़ों के डामरीकरण का कार्य हो रहा है या नहीं। कामराज सालै सहित कुछ अन्य सडक़ों को छोड़ दिया जाए तो अन्य सडक़ों की स्थिति सही नहीं है। इसके जवाब में अतिरिक्त सरकारी वकील ने कहा कि दिशा निर्देश के अनुसार ही सडक़ों का डामरीकरण होता है, लेकिन टीएनईबी और बीएसएनएल द्वारा पाइपलाइन और केबल बिछाने के लिए सडक़ों को खोद दिया जाता है। उनके द्वारा खोदी हुई सडक़ों की पुन: मरम्मत में तीन महीने तक का समय लगता है। याचिकाकर्ता के अनुसार पंचायत अधिकारियों द्वारा सडक़ों की पुरानी डामर को हटाए बिना ही उन पर डामरीकरण किया जा रहा है। इसके जवाब में अतिरिक्त सरकारी वकील ने कहा कि पंचायत ने सडक़ों की पुरानी डामर को हटाने के बाद ही नई डामर डालनी शुरू की है।

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