न्यायाधीश एमएम सुंदरेश और न्यायाधीश एस. आनंदी की डिवीजन बेंच ने कहा कि सभी याचिकाकर्ताओं ने मुख्य रूप से कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम और केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत से बढ़ा कर 100 प्रतिशत कर दिया है। न्यायाधीशों ने कहा कि राष्ट्रीय अधिकारियों द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए विभिन्न संचारों के बारे में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 50 प्रतिशत की संख्या का कोई उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
सरकार द्वारा थिएटरों में लोगों की संख्या में वृद्धि करने के आदेश के बाद 5 जनवरी को केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव को दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करने के लिए एक संचार भेजा था। कोर्ट ने कहा हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं ऐसे में इस प्रकार का निर्णय लेना उचित नहीं है। जब अतिरिक्त महाधिवक्ता श्रीचरण रंगराजन ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस मामले पर विचार कर रही है और इस संबंध में स्पष्ट निर्देश देने के लिए समय मांगा गया है तो कोर्ट ने सरकार को 11 जनवरी तक 50 प्रतिशत से अधिक संख्या को अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा आशा और उम्मीद है कि सरकार इस संबंध में उचित निर्णय लेगी। न्यायाधीशों ने राज्य सरकार से कहा कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करें ताकि लोगों की संख्या बढ़ाए बिना शो की संख्या बढ़ाई जा सके। शो को बढ़ाने के साथ ही ब्रेक की संख्या भी अधिक की जानी चाहिए, ताकि सैनिटाइजर का कार्य किया जा सके। कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।