scriptपेड़़ काटने पर लगाई रोक | Madras High Court ordered not to cut 75 trees from Hospital complex | Patrika News

पेड़़ काटने पर लगाई रोक

locationचेन्नईPublished: Nov 22, 2019 06:08:47 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

Madras High Court ने रुक्मिणी लक्ष्मीपति सालै स्थित सरकारी नेत्र चिकित्सालय परिसर से ७५ विशालकाय पेड़ नहीं काटने के आदेश दिए । इस परिसर में अस्पताल प्रशासन ने नवनिर्माण के लिए ७५ पूर्ण विकसित वृक्षों को गिराने का निर्णय किया है। ये पेड़ पक्षियों की आश्रयस्थली हैं तथा पारिस्थितिकी संतुलन के लिए आवश्यक है।

पेड़़ काटने पर लगाई रोक

पेड़़ काटने पर लगाई रोक

चेन्नई. एगमोर में रुक्मिणी लक्ष्मीपति सालै स्थित सरकारी नेत्र चिकित्सालय परिसर से ७५ विशालकाय पेड़ नहीं काटने के आदेश हुए है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विनीत कोठारी और जस्टिस सी. सरवणन की न्यायिक बेंच ने प्राधिकारियों को तत्संबंधी निर्देश दिए। इस याचिका पर अगली सुनवाई २ दिसम्बर को होगी। एगमोर निवासी कैप्टन पी. एन. नारायणन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा कि यह मामला गौर करने वाला है। न्यायालय ने प्राधिकारियों की ओर से अपर महाधिवक्ता नर्मदा सम्पत को नोटिस जारी किया कि वह स्थिति रिपोर्ट पेश करे। इस रिपोर्ट के साथ अस्पताल में प्रस्तावित निर्माण तथा नगर निकायों द्वारा दी गई अनुमति भी पेश करने को कहा है।

यह याचिका बुधवार को दायर हुई थी। न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन की बेंच ने रजिस्ट्री को कहा था कि रोस्टर प्रणाली के तहत इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। बेंच ने इस पर सुनवाई की। याची ने कहा कि वह इसी इलाके का रहवासी है। इस सालै पर रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मेलॉजी और राजकीय नेत्र चिकित्सालय है। इस परिसर में अस्पताल प्रशासन ने नवनिर्माण के लिए ७५ पूर्ण विकसित वृक्षों को गिराने का निर्णय किया है। ये पेड़ पक्षियों की आश्रयस्थली हैं तथा पारिस्थितिकी संतुलन के लिए आवश्यक है। चार एकड़ का यह क्षेत्र अब तक अनछुआ था जो जैविक विविधता के लिहाज से जरूरी है।

इस याचिका पर बेंच ने अंतरिम आदेश जारी किया कि पेड़ गिराए अथवा काटे नहीं जाएं। साथ ही अपर महाधिवक्ता से पूछा कि क्या प्रस्तावित निर्माण कार्य को बिना वृक्षों की क्षति के पूरा नहीं किया जा सकता? क्या परिसर में ही इस निर्माण कार्य की जगह बदलने का विकल्प है? बेंच ने प्राधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई तक पेड़ों को नहीं काटा जाए।

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