याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान रवीन्द्रनाथ और उनके पिता व राज्य के उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने जीत सुनिश्चित करने के लिए सरकारी मशीनरी का गलत तरीके से उपयोग किया। चुनाव लडऩे से पहले सांसद ने दायर एक हलफनामें में वाणी फैब्रिक्स लिमिटेड की एक निजी फर्म में अपनी हिस्सेदारी को दबा दी थी। इसके अलावा गत 7 अप्रेल 2017 को सांसद के भाई को संसदीय क्षेत्र के तेंडरल नगर में एक हजार नकदी के साथ साड़ी वितरित करते पाया गया था।
हालांकि चुनाव आयोग को ऐसी कई घटनाओं की जानकारी दी गई थी, लेकिन आयोग तेनी संसदीय क्षेत्र के लिए जारी अधिसूचना को रद्द करने में विफल रहा। याचिकाकार्ता का विरोध करते हुए रवीन्द्रनाथ ने तर्क दिया कि याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह कथित भ्रष्ट प्रथाओं के बारे में भौतिक तथ्यों और विवरणों से परे है। उन्होंने कहा कि याचि डीएमके पार्टी का सदस्य है और चुनाव आयोग से कुछ भी कहने में विफल रहा है।