चेन्नई. तुत्तुकुड़ी में स्टरलाइट प्लांट विरोधी उग्र आंदोलन के दूसरे दिन मद्रास उच्च न्यायालय ने वेदांता समूह को झटका देते हुए इसकी दूसरी इकाई की विस्तार योजना पर रोक लगा दी है।
न्यायाधीश एम. सुंदर और न्यायाधीश अनिता सम्पत की न्यायिक बेंच ने प्लांट की दूसरी यूनिट के निर्माण
कार्य को रोकने के आदेश जारी कर दिए। यह आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिकार कार्यकर्ता फातिमा बाबू की याचिका पर दिया गया।
केंद्र करे जनसुनवाई
न्यायिक पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि तुत्तुकुड़ी में स्टरलाइट प्लांट विस्तार की योजना को लागू करने से पहले जनसुनवाई करे और चार महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करे। उल्लेखनीय है कि कंपनी को दूसरी इकाई के निर्माण की अनुमति मिल चुकी है लेकिन उसकी मौजूदा इकाई ही गत दो महीने से तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिचालन सहमति (सीटीओ) का नवीनीकरण नहीं किए जाने से बंद है।
सत्रह मई को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपीलीय प्राधिकरण ने बोर्ड के नवीनीकरण नहीं करने को कंपनी द्वारा दी गई चुनौती पर फैसला सुरक्षित कर लिया था।
स्टरलाइट की ओर से सीटीओ का नवीनीकरण नहीं होने पर अपीलीय प्राधिकरण में अर्जी लगाई गई। कंपनी का सीटीओ ३१ मार्च को समाप्त हो चुका है। इस पर पहली सुनवाई ४ मई को हुई जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन कारणों की सूची पेश की जिनकी वजह से सीटीओ का नवीनीकरण नहीं किया गया है।