कोर्ट ने राज्य सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें समुद्र तट पर हर दिन उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा और उसे हटाने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण शामिल हो। इसके अलावा अधिकारियों को मरीना बीच पर आने वाले पर्यटकों के लिए उपलब्ध बाथरूम और मोबाइल टॉयलेट की संख्या का विवरण देने का भी निर्देश दिया गया। कोर्ट ने अधिकारियों को समुद्र तट से उत्पन्न राजस्व और इसके रखरखाव के लिए सालाना खर्च किए गए बजट का विवरण देने को भी कहा।
कोर्ट ने कहा रिपोर्ट में उन योजनाओं और उपायों का ब्योरा होना चाहिए जो समुद्र तट को बनाए रखने या समुद्र तट की सुंदरता बढ़ाने के लिए निगम द्वारा की जा रही है या उठाए जा रहे हैं। न्यायाधीशों ने आश्चर्य जताया कि मछली विक्रेताओं और जनता को लूप रोड पर अतिक्रमण करने से रोकने के लिए लूप रोड के पास एक विशेष मछली बाजार का निर्माण क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
संबंधित अधिकारियों को 22 जुलाई के अंदर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने समुद्र तट पर आइसक्रीम विक्रेताओं को वेंडिंग कार्ट आवंटित करने के लिए निगम को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया।