मद्रास हाईकोर्ट ने यह फैसला इस आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कोटा की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं के जवाब में सुनाया। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि राज्य सरकार द्वारा पहले से ही 69 फीसदी आरक्षण की वयवस्था की गई है। इस कारण से राज्य में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के पास केवल 31 फीसदी सीटें रह गई है। अब 7.5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण इसमें और कमी लाएगा।
फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि कानून उचित आंकड़ों और चर्चा के आधार पर लाया गया था। स्टालिन ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए 10 महीने में द्रमुक सरकार की यह तीसरी जीत है। सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षण अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा लाया गया था।
स्टालिन ने यह भी कहा कि द्रमुक सरकार ने सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और प्रमुख स्व-वित्तपोषित कॉलेजों में इंजीनियरिंग / कृषि / मत्स्य पालन / पशु चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून पारित किया है।