बेंच ने १५ नवम्बर के अपने निर्णय का संदर्भ लिया और ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन (Greater Chennai Corporation) के अधिवक्ता वी. सेल्वशेखरन ने कहा कि लूप रोड पर मछलियां बेचने वालों को नियमित किया जा रहा है। इन मछुआरों को पड़ोस में बन रहे मछली बाजार में जगह आवंटित की जा रही है। नए विकल्प को अपनाने को लेकर उनको मनाया जा रहा है। कर्तव्य निर्वाह में कानून-व्यवस्था व जनता के विद्रोह की समस्या भी पेश आ रही है जिसके चलते प्राधिकारी ठोस कदम उठाने में थोड़ा हिचक भी रहे हैं।
बेंच ने ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन के आयुक्त को निर्देश दिया कि वे चेन्नई महानगर पुलिस आयुक्त के साथ मिलकर लूप रोड तथा मरीना बीच के फुटपाथी विक्रेताओं (Street Vendors) के नियमन के आवश्यक उपाय करें। पीठ ने स्पष्ट किया कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट की पालना में उक्त अधिकारियों का कानून-व्यवस्था की समस्या गिनाना अस्वीकार्य है। निगम आयुक्त और पुलिस आयुक्त यथोचित शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को वैधानिक कर्तव्य व दायित्व के निर्वाह में उनकी अक्षमता से अवगत करा सकते हैं। यह कहते हुए न्यायिक पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई १९ दिसम्बर के लिए टाल दी।