सालों से जमा कर रहा था पैसे
29 साल का वी भूपति पिछले तीन साल से अधिक समय से पैसे जमा कर रहा था ताकि वह बजार की डोमिनर 400 बाइक को खरीद सके। भूपति बाइक खरीदने के लिए अपनी हर सेविंग को सिक्कों में बदल लेते थे। यहां तक कि मंदिरों, होटलों और चाय की दुकानों में भी नोटों को एक रुपए के सिक्कों में बदला।
शोरूम के मैनेजर महाविक्रांत ने बताया कि वे शुरू में केवल सिक्कों में पैसे लेने के इच्छुक नहीं थे पर वे भूपति को निराश भी नहीं करना चाहते थे। इसलिए वे इसके लिए तैयार हो गए।
महाविक्रांत ने बताया कि उन्होंने पहले भूूपति से पूछा था कि बैंक 1 लाख की गिनती के लिए कमीशन के रूप में 140 रुपए चार्ज करेंगे। जब हम उन्हें एक रुपए के सिक्कों में 2.6 लाख देंगे, तो वे इसे कैसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, भूपति के हाई-एंड बाइक खरीदने के सपने को देखते हुए मैंने आखिरकार इसे स्वीकार कर लिया।
चार दोस्तों, शोरूम के पांच कर्मचारियों ने गिने सिक्के
भूूपति, उनके चार दोस्तों और शोरूम के पांच कर्मचारियों ने इन सिक्कों की गिनती की। आखिरकार शनिवार रात 9 बजे भूूपति अपनी बाइक मिल सकी। भूूपति एक निजी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करते हैं और शहर के अम्मापेट के गांधी मैदान इलाके में रहते हैं। भूूपति ने कहा कि उन्होंने तीन साल पहले बाइक की कीमत के बारे में पूछताछ की थी और तब उन्हें बताया गया था कि यह 2 लाख रुपए की है।
उस समय मेरे पास इतना पैसा नहीं था। मैंने सोशल मीडिया चैनल से कमाई के पैसे बचाने का फैसला किया। मैंने फिर हाल ही में बाइक की कीमत के बारे में पूछताछ की और पता चला कि यह अभी 2.6 लाख रुपए की है और मेरे पास इस बार इतनी राशि थी।