उसने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए 5000 रुपए का लोन लिया था। वह 1500 रुपए समय पर लोन नहीं चुका पा रहा था, जिससे कंपनी वाले उसे फोनकर परेशान कर रहे थे। उसने फोन उठाना बंद किया तो कंपनी वालों ने उसके रिश्तेदारों को फोन किया और अपमानजनक संदेश भेजे। पुलिस के अनुसार इससे परिवार में झगड़ा हो गया और हताशा में उसने कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस के मुताबिक एप के जरिए तत्काल लोन देने वाली कंपनियां ज्यादा ब्याज भी वसूलती हैं और प्रोसेसिंग शुक्ल के नाम पर भी मोटी रकम लेती हैं।
साथ ही लोन लेने वाले के मोबाइल फोन से सारा डेटा भी अपने पास रख लेती हैं। लोन की ईएमआइ चुकाने में तनिक भी देरी होने पर एप कंपनियों के काल सेंटर से फोन आने लगते हैं। लोन लेने वालों के फोनबुक में मौजूद नंबरों पर भी कंपनियों द्वारा फोन किया जाता है, इससे लोन लेने वाली का मानसिक उत्पीडऩ तो होता ही है, सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। तमिलनाडु में इस तरह के कई मामले आए हैं। पुलिस के अनुसार इससे परिवार में झगड़ा हो गया और हताशा में उसने कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।