scriptदृष्टिहीन होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ छेड़ी मुहिम | Man with green vision gives leg-up to climate crisis fight | Patrika News

दृष्टिहीन होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ छेड़ी मुहिम

locationचेन्नईPublished: Nov 30, 2022 12:53:49 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

– चेन्नई के 50 वर्षीय वीर राघवन की कहानी-धरती को हरा भरा करने के लिए लगाए 1.5 लाख पौधे

दृष्टिहीन होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ छेड़ी मुहिम

दृष्टिहीन होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ छेड़ी मुहिम


चेन्नई.
वेलाचेरी के 50 वर्षीय दृष्टिहीन सीएस वीरराघवन दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के मिशन पर है। इस काम में वे अकेले नहीं है। उनके एनजीओ, ग्रीन वॉयस ग्लोबल (जीवीजी) के 400 सदस्य उनकी आंखें बन इस मिशन में लगे हुए हैं। वे कहते हैं मेरे स्नातक अध्ययन के दूसरे वर्ष तक मेरी दृष्टि सामान्य थी। जब मैं 11वीं क्लास में था तो मैंने देखा कि मेरे पड़ोसी चार किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाते हैं। मैंने उनके लिए आवाज उठाई। यह पहली बार था जब मैं किसी बड़े कारण के लिए खड़ा हुआ था। बाद में मैंने महसूस किया कि मानवता के सामने सबसे बड़ी समस्या है – ग्लोबल वार्मिंग – और इसके खिलाफ लडऩे का फैसला किया। वीरराघवन ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे राज्य में 1.5 लाख से अधिक पौधे लगाए और कपड़े के थैले वितरित किए। उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से वेलाचेरी में जल निकायों का कायाकल्प भी किया। 2001 में उन्होंने एनजीओ ग्रीन वॉयस ग्लोबल (जीवीजी) शुरू किया। इसके सदस्यों के साथ अब वे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ जागरूकता कक्षाएं और रैलियां आयोजित करते हैं।
उन्होंने बताया ग्लोबल वार्मिंग का एक स्थायी समाधान ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों से उत्सर्जन को कम करना है। हमारे अभियान इन जलवायु प्रभावों को उजागर करते हैं। यही नहीं वीरराघवन विकलांग लोगों और बालिकाओं की बेहतरी के लिए भी काम कर रहे हैं। वे कहते हैं रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा एक दुर्लभ नेत्र रोग से अपनी दृष्टि खोने के बाद भी मैं चुप बैठने को तैयार नहीं था। 2015 में वीरराघवन और सैकड़ों अन्य विकलांग लोगों ने सरकार से उसके जैसे लोगों के लिए डाक मतदान प्रणाली लागू करने का आग्रह करते हुए एक प्रदर्शन किया। नतीजा यह हुआ कि 2019 में पोस्टल वोटिंग सिस्टम लागू हो गया। बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों के तहत हर साल चयनित सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को किताबें और अध्ययन सामग्री प्रदान किया जाता है।
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