निचले इलाकों में पानी जमा है और नाले चोक हो गए हैं। नालों से पानी नही निकल पा रहा है। मडिपाक्कम, वेलचेरी, पल्लीकरनै और आसपास के इलाकों के 100 से अधिक लोगों की बुधवार रात नींद उड़ गई। जलभराव के चलते कई घरों में बरसात का पानी घुस गया है। इसके चलते लोग परेशान हुए। राम नगर, कुबेरन नगर एक्सटेंशन, राम नगर एक्सटेंशन, बालाजी नगर, मडिपाक्कम, वेलचेरी में लोगों के घरों में पानी घुस गया।
कुबेरन नगर एक्सटेंशन निवासी पी. शंकर ने बताया कि वर्ष 2015 में बाढ़ के दौरान घरो ंमें पानी घुस गया था और कंधे तक पानी भर गया। इस बार भी हम ऐसी ही हालात के गुजर रहे है। बुधवार रात रात बुजुर्ग माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य उठकर घर के इलेक्ट्रोनिक्स और इलेक्ट्रीकल आइटम्स को छत पर रखा और हम सभी छत पर चले गए। घर के अंदर घुटने तक पानी भर गया था।
एक अन्य रहवासी षणमुगम ने बताया कि उनकी पत्नी को रातभर नहीं सो पाई। सडक़ पर पानी भरने के बाद घर में पानी घुस गया। हमनें घर से पानी निकाला शुरू किया।
मडिपाक्कम निवासी शंकरी ने बताया कि हर साल प्रशासन नाला सफाई पर निगाह रखता था। लेकिन, इस बार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और ठेकेदारों के लिए गड़बड़ी का खुला मैदान छोड़ दिया गया। सडक़ पर जमा पानी घर में घुसने लगा और पानी के साथ सांप और अन्य छोटे जीव घरों में घुस गए। गुरुवार सुबह होते ही कई परिवार अपने ब”ाों को लेकर गलियों में भरे पानी के बीच सुरक्षित जगह पर चले गए। स्ट्रीट से पानी निकालने के बाद वापस घर लौटेंगे।
मडिपाक्कम निवासी मुरुगन ने नगर निगम पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने बताया कि जल भराव के चलते नाले की सफाई के नाम पर हुए खेल को लेकर नगर निकायों की पोल खुल गई है। लोगों का आरोप है कि नगर निकायों ने नालों की सफाई ढंग से नहीं कराई। मंगलवार के बाद बुधवार को बादल फिर जमकर बरसे। तेज बारिश ने पूरे शहर को तरबतर कर दिया। झमाझम बारिश से कई निचले इलाकों में पानी भर गया। दम तोड़ती ड्रेनेज व्यवस्था और जगह-जगह खोदाई के कारण नाले-नालियों की बाढ़ का पानी सडक़ों पर बह निकला। कई इलाकों में तीन से चार फीट तक जलजमाव रहा।