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चेन्नई में मास्क अनुपालन में आया काफी हद तक सुधार

locationचेन्नईPublished: Jul 17, 2021 05:25:49 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

कोरोना महामारी की गंभीरता को अब धीरे धीरे लोग समझ रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप मास्क अनुपालन में काफी हद तक सुधार आ गया है।

चेन्नई में मास्क अनुपालन में आया काफी हद तक सुधार

चेन्नई में मास्क अनुपालन में आया काफी हद तक सुधार


-लेकिन अभी भी अनुपालन 50 प्रतिशत से है कम
चेन्नई. कोरोना महामारी की गंभीरता को अब धीरे धीरे लोग समझ रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप मास्क अनुपालन में काफी हद तक सुधार आ गया है। लेकिन अभी भी यह सुधार 50 प्रतिशत से कम है और अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है। ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के साथ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (आईसीएमआर एंड एनआईई) द्वारा किए गए एक अध्ययन में इसकी पुष्टी हुई है।

 

यह अध्ययन डॉ प्रभदीप कौर और पी. गणेशकुमार ने की थी। अध्ययन में पाया गया है कि चेन्नई के स्लम क्षेत्रों में मास्क अनुपालन, जो कि मार्च में 21 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई है। वहीं चेन्नई के गैर स्लम इलाकों में यह संख्या 27 से बढ़कर 47 हो गई है। आईसीएमआर और एनआईई ने पहले ही अक्टूबर, दिसंबर 2020, और मार्च में तीन राउंड का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार किया था। अध्ययन के चौथे दौर के लिए शोधकर्ताओं ने चेन्नई की 64 सड़कों को चुना और 3200 लोगों को आउटडोर और 1286 लोगों को इंडोर अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने बताया कि निगम के तहत आने वाले 32 स्लम और 32 गैर स्लम इलाकों में अध्ययन किया गया।

 


प्रत्येक सर्वेक्षण बिंदु पर शोधकर्ताओं ने 8 से 10 जुलाई के बीच आउटडोर के तहत 50 और इंडोर के तहत 20 व्यक्तियों का अध्ययन किया। जिसके बाद पता चला कि स्लम के 38 प्रतिशत और गैर स्लम के 25 प्रतिशत लोग बाहर जाने पर मास्क नहीं पहनते हैं। इसके अलावा इंडोर मास्क नहीं पहनने वालों की संख्या स्लम और गैर स्लम में 24 और 33 प्रतिशत क्रमश है।

 


इंडोर पब्लिक प्लेस में किराना, सब्जी, मेडिकल और परिधान भंडार समेत अन्य दुकाने शामिल हैं, जबकि आउट डोर पब्लिक प्लेस में रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों के स्ट्रीट शामिल हैं। पत्रकारों से वार्ता में प्रभदीप कौर ने बताया मास्क अनुपालन अभी भी 50 प्रतिशत से कम है और उसमें वृद्धि की जरूरत है। झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र में 24 प्रतिशत और गैर झुग्गी झोपड़ी क्षेत्रों में 33 प्रतिशत का खराब इनडोर मास्क अनुपालन एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इन स्थानों पर कोरोना के प्रसार का जोखिम अधिक है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कमी की वजह से महानगर में कई दिनों तक वैक्सीन की प्रक्रिया बाधित हो रही है, इसलिए कोरोना से बचने के लिए मास्क अनुपालन बेहद जरूरी है।

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