जोधपुर

गिरते पत्थर और जगह-जगह सीलन, तीन साल में ही दरकने लगी 35 करोड़ की यह इमारत

दरकती दीवारें, कंगूरों से गिरते पत्थर और जगह-जगह सीलन। यह हाल उस इमारत का है, जिसका निर्माण करीब तीन साल पहले 34.91 करोड़ की लागत से करवाया गया था।

जोधपुरApr 10, 2017 / 05:49 pm

Harshwardhan bhati

Maternal and infantile disease wing of jodhpur in poor condition

दरकती दीवारें, कंगूरों से गिरते पत्थर और जगह-जगह सीलन। यह हाल उस इमारत का है, जिसका निर्माण करीब तीन साल पहले 34.91 करोड़ की लागत से करवाया गया था। मरीजों को बेहतर उपचार व सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में मथुरादास माथुर अस्पताल में मातृ एवं शिशु रोग विंग (जनाना विंग) का निर्माण कराया, लेकिन स्तरहीन निर्माण सामग्री के इस्तेमाल के चलते यह इमारत उद्घाटन के दो साल में ही दरकने लगी है। इतना ही नहीं इस इमारत के कंगूरों से पत्थर भी गिरने लगे हैं जो कि कभी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। वहीं जिम्मेदार हैं कि निर्माण में बरती गई इस लापरवाही व वर्तमान हालात से पूरी तरह से अनजान बने बैठे हैं।
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इमारत की बाहरी दीवारें होने लगीं क्षतिग्रस्त

रविवार को मातृ एवं शिशु रोग विंग की इमारत का जायजा लिया तो हालात चौंकाने वाले थे। विंग की बाहरी दीवारों में चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। कई जगह से पत्थर गिरने लगे हैं तो कई जगह गिरने के कगार पर हैं। कई बार घटिया निर्माण की शिकायतों के बाद दरारों पर लीपापोती कर दी गई है।
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पत्थर तो गिर ही जाते हैं…

जनाना विंग के रखरखाव का जिम्मा सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास ही है। इमारत में घटिया निर्माण जैसा तो कुछ नजर नहीं आता। दरारें भी ज्यादा नहीं हैं। एक-दो पत्थर तो गिर ही जाते हैं।
– गोपाराम विश्नोई, अधिशाषी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग (एमडीएमएच), जोधपुर

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कई जगह शिकायत की
जनाना विंग की इमारत का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं है। करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार करवाई गई इमारत में तीन साल बाद ही दरारें आ गई हैं, पत्थर गिरने लगे हैं। ये कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। हमने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री, सार्वजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा मंत्रालय समेत कई जगह शिकायत भी की है।
– लीला देवी वैष्णव, पार्षद, वार्ड नम्बर-24, जोधपुर
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