scriptplastic पर penalty | Metropolitan corporation earns 2.13 lakhs from fines | Patrika News

plastic पर penalty

locationचेन्नईPublished: Jun 19, 2019 01:42:34 pm

Submitted by:

shivali agrawal

छापेमारी में प्लास्टिक मिलने पर जुर्माने से महानगर निगम ने कमाए 2.13 लाख रुपए – 153 इलाकों में करीब 1,831 दुकानों पर मारा छापा

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चेन्नई. प्लास्टिक पर प्रतिबंध के छह महीने बाद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पाेरेशन पहली बार अब उन लोगों पर जुर्माना लगा रहा है जो नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं। निगम ने १५3 इलाकों में करीब १,८३१ दुकानों पर छापेमारी की और वहां से २.१३ लाख रुपए का जुर्माना वसूला। ५७ दुकानों को नोटिस दिया गया और उनके यहां से ८३२ किलो ग्राम प्लास्टिक भी जब्त किया गया।
कोयम्बेडु बाजार में दो दुकानों और एक गोदाम को लॉक कर दिया गया और प्रत्येक पर २५ हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। निगम के सहायक अभियंता सेल्वनायकम का कहना है कि पेरुंगुडी जोन में ७७ दुकानों पर ३९,१०० रुपए का जुर्माना और २१ किलो प्लास्टिक जब्त किया गया। माधवरम में ६८ दुकानों पर २९,१०० रुपए का जुर्माना किया और १५ किलो प्लास्टिक जब्त किया गया। कोडम्बाकम में २३४ दुकानों पर २७ हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया और २४ किलो का प्लास्टिक जब्त किया गया। फरवरी में प्रतिबंधित प्लास्टिक के निर्माताओं पर २ लाख रुपए जुर्माना लगाया गया। साथ ही व्यापार, खुदरा, बेचने और वितरण के लिए ५० हजार रुपए और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं पर २५ हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। घरेलू उपयोगकर्ताओं के पहली बार ५०० रुपए और १,००० रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
निगम के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है उनको कहा गया कि पहले व्यावसायिक संस्थानों पर ध्यान केंद्रित किया जाय। इसके बाद पहले हमने आपूर्ति बंद करने का फैसला लिया, इसलिए पहले संग्रहित वस्तुओं पर ध्यान दिया। प्रतिदिन निरीक्षण के लिए एक टीम का गठन भी किया गया है।
महानगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त पी. मधुसन रेड्डी का कहना है कि लोगों में वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जनवरी से अब तक निजी पायरोलाइसिस प्लांट से २५० मीट्रिक टन प्लास्टिक जब्त किया गया है।
इसी प्रकार एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि जुर्माना लगाने से व्यावसायिक प्रतिष्ठान और व्यवसाई रिश्वत देकर अपना काम चलाते रहेंगे। सरकार को पहले इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं और उसके बारे में लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रमों पर ध्यान देना चाहिए।
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