एक ही बार में एक साथ दिल की बाइपास सर्जरी और लिवर प्रत्यारोपण
चेन्नईPublished: Jan 07, 2022 02:00:26 pm
-चेन्नई के चिकित्सकों का कमाल- लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट-18 घंटे तक चली सर्जरी को 15 चिकित्सकों की टीम ने पूरा किया
एक ही बार में एक साथ दिल की बाइपास सर्जरी और लिवर प्रत्यारोपण
चेन्नई.
एमजीएम हेल्थकेयर के चिकित्सकों ने लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांटेशन एवं कोरोनरी आर्टेरी बाइपास ग्राफ्ट का साथ साथ प्रोसीजर कर एक रोगी को नई जिंदगी दी है। यह दुर्लभ एवं जटिल सर्जरी सफल रही। चिकित्सकों ने यह बीटिंग हार्ट बाइपास सर्जरी एक ही सीटिंग में की है। 61 वर्षीय रोगी नेल्लोर का रहने वाला है। 18 घंटे तक चली इस दोनों सर्जरी के लिए 15 डाक्टरों की एक टीम ने सेवाएं दी। इस टीम का नेतृत्व डा.त्यागराजन श्रीनिवासन तथा डा.कैलाश ए.जैन ने किया। चिकित्सकों ने बताया कि इस सर्जरी में कई चुनौतियां थी। इसमें जोखिम बहुत बड़ा था। अब सर्जरी के छह महीने के बाद रोगी बेहतर महसूस कर रहा है।
चिकित्सकों ने बताया रोगी को गंभीर मल्टीपल हार्ट वेसेल (वाहिका) ब्लाक की समस्या थी। जिसके बाद उसे हार्ट बाइपास सर्जरी की सलाह दी गई थी। जांच के दौरान चिकित्सकों ने पाया कि रोगी को पहले से ही लीवर रोग है जो अंतिम चरण में है। इसके बाद चिकित्सकों ने ट्रिपल वेसेल कोरोनरी आर्टेरी डिजीज एवं डीकंपेंसेटेड लिवर रोग के लिए सर्जरी की सलाह दी। दोनों सर्जरी एक साथ नहीं करने की स्थिति में बड़ा खतरा था। डा.कार्तिक मदिवनन ने कहा कि लिवर सिरोसिस में मध्यम से गंभीर कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) लगभग 26 से 30 प्रतिशत है और मृत्यु दर अधिक है। मोटापे के रोगी एवं नान एल्कोहलिक फैट्टी लिवर डिजीज वाले रोगियों (चयापचय सिंड्रोम) में सीएडी लगभग 50 प्रतिशत है। चिकित्सकों ने लिवर के सभी रोगियों की हृदय की नियमित जांच कराने की सलाह दी। यदि ऐसे रोगियों में हृदय रोग है तो खतरा बहुत अधिक होता है।
इस मौके पर डा.अरुल प्रकाश एवं सीईओ हरीश मनीयन ने भी विचार व्यक्त किए।