एमजीआर की 102वीं जयंती पर राज्यभर से उनके प्रशंसक रामापुरम स्थित उनके निवास पर जमा हुए। राज्य के प्रिय राजनेता और अभिनेता का निवास एमजीआर गार्डन सामान्यत: खाली रहने वाली जगह है। यहां आमतौर पर लोगों की आवाजाही कम ही रहती है पर एमजीआर जयंती के मौके पर उनके प्रशंसकों का हुजूम यहां जमा था। वे लोग हाथों में एमजीआर अमर रहे, जनता के नेता अमर रहे, लिखी हुई तख्तियां लिए हुए थे।
हर जगह उनकी फिल्मों के गीतों की धूम मची थी। उनके निधन के लगभग तीन दशक बाद भी प्रशंसकों का उनके प्रति प्रेम कम नहीं हुआ। इन लोगो में ज्यादातर सेलम, तुत्तुकुड़ी, धर्मपुरी और कन्याकुमारी से आए थे। उन्होंने बताया कि हम पूरे साल में केवल इसी दिन ही चेन्नई आते हैं। हमारे नेता के निवास पर आकर, उनके चरणों की धूल लेकर हम मरीना तट पर जाते हैं जहां उनके स्मारक के दर्शन कर घर लौट जाते हैं। वे हमारे देवता है और आज भी हम लोगों के साथ हैं।
एमजीआर का निवास, एमजीआर गार्डन एक जमाने में राज्य की राजनीति का ध्रुव होता था। यहां कई महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय लिए गए। कई बड़े राजनेताओं का राजनीति में प्रवेश इस घर से हुआ। आज भी उनके प्रशंसक जो इसे मंदिर मानते हैं, यहां आते हैं और उनके स्मारक पर प्रार्थना करते हैं।वे शिक्षा के साथ ही खेल पर भी जोर देते थे। इस अवसर पर उनके प्रिय खेल सिलम्बम की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता रखी गई। साथ ही अन्नदानम और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।