लेकिन कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण होने के बाद ही स्कूलों और कॉलेजों को खोलने का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही सभी स्कूलों को बच्चों की अनुपस्थिति पर अभिभावकों द्वारा प्रदान किए जा रहे दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश देने का निर्देश दिया गया है। एक दो दस्तावेज नहीं होने के बावजूद प्रवेश देने को कहा गया है। हाल ही में मुख्य सचिव के. षणमुगम ने कहा था कि छठी और नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों के प्रवेश का अलग अलग समय होना चाहिए। तय की गई तिथि के बारे में अभिभावकों को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रवेश तिथि को नोटिस बोर्ड पर लगाना होगा। अगर फीडर स्कूलों में ज्यादा बच्चे हैं तो उनको दो समूहों में विभाजित कर सुबह और दोपहर में प्रवेश की प्रक्रिया करनी होगी।