उन्होंने इस जीत को जनता की जीत बताते हुए कहा इस विजय पर नेताओं अथवा सरकार को कोई दावा नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने जिला कलक्टर संदीप नंदूरी से संपर्क कर बंद के दौरान प्रशासन की भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि स्टरलाइट के नाम पर जिला प्रशासन द्वारा किसी कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व का काम नहीं किया जाना चाहिए तथा प्लांट के भीतर भी रखरखाव के काम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए तुत्तुकुड़ी निवासी एडमुंड तेन्नवन ने कहा कि यह फैसला 22 सालों के लंबे संघर्ष का फल है। उन्होंने कहा कि यह केवल तुत्तुकुड़ी या तमिलनाडु के लोगों की ही नहीं बल्कि दुनिया भर के तमिल लोगों की जीत है। इसके विपरीत इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए तुत्तुकुड़ी स्टीवेडोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष टी. वेलशंकर ने कहा कि इस फैसले से यहां के निवेशकों को गलत संकेत मिला है।
इसके चलते हुए कच्चे माल की कमी के कारण इस पर आधारित कई संयंत्र एवं उद्योग काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। तुत्तुकुड़ी लॉरी मालिक एसोसिएशन के संयुक्त संचिव एस. मुरुगन ने कहा कि इस फैसले से स्टरलाइट पर निर्भर लॉजिस्टिक उद्योग को भी काफी झटका लगा है। इससे लगभग 10 हजार परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। इस बीच एमडीएमके महासचिव वाइको ने मुगिलन के बारे में आशंका जताते हुए कहा कि या तो पुलिस ने उसका फर्जी इनकाउंटर कर दिया है या अवैध रूप से हिरासत में ले लिया है। मुगिलन के साथ कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी स्टरलाइट प्रबंधन एवं पुलिस की होगी।