अपनी पार्टी के पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, ऐसे समय में जब हम तलैवर (नेता) कलैनार (दिवंगत करुणानिधि) की जयंती मना रहे हैं, केंद्र सरकार द्वारा हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने संबंधी प्रावधान को वापस लिए जाने से पता चलता है कि कलैनार अभी जीवित हैं।
उन्होंने कहा, आइए, हम हिंदी को जबरन थोपने का विरोध कर हमेशा अपनी मातृभाषा तमिल की रक्षा करें। गौरतलब है कि द्रमुक करुणानिधि की 95वीं जयंती मना रही है। उनका पिछले साल अगस्त में निधन हो गया था।
हम हिंदी को जबरन थोपने का विरोध कर हमेशा अपनी मातृभाषा तमिल की रक्षा करें। गौरतलब है कि द्रमुक करुणानिधि की 95वीं जयंती मना रही है। उनका पिछले साल अगस्त में निधन हो गया था।