स्टालिन ने स्मरण कराया कि कोरोना से देशभर के एमएसएमई सेक्टर की कमर टूट चुकी है। तमिलनाडु विकास और तरक्की के लिए बड़े पैमाने पर एमएसएमई सेक्टर पर ही निर्भर है। उनकी सरकार इस क्षेत्र में जान फूंकने के नए उपाय कर रही है।
सीएम ने लिखा कि शिवकाशी और निकटवर्ती क्षेत्रों का पटाखा उद्योग तमिलनाडु की प्रमुख औद्योगिक क्रिया है। आठ लाख से अधिक श्रमजीवियों की आजीविका इस उद्योग के भरोसे है।
किसी देश में नहीं ऐसी रोक
स्टालिन ने माना कि राज्यों ने वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन वे यह बताना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्रदूषण फैलाने वाले कुछ पटाखों को बैन कर चुका है। इसके अलावा अब तो ग्रीन पटाखों का ही निर्माण होता है जिनसें कम प्रदूषण फैलता है। लिहाजा रोक का पूर्ण आवरण उचित नहीं है। ऐसी पूर्ण रोक किसी अन्य देश में भी नहीं है।
बंद हो जाएगा उद्योग
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि अन्य राज्यों ने भी इस तरह का बंद घोषित किया तो पटाखा इंडस्ट्री पर ताला लग जाएगा और 8 लाख लोगों की रोजी छिन जाएगी। आपको यह पता होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने की परम्परा रही है। ऐसे में पर्यावरण, आजीविका और लोक स्वास्थ्य के बीच साम्य वाली नीति को अपनाया जाना चाहिए। उनका आग्रह है कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक के निर्णय पर फिर से विचार किया जाए। उन पटाखों को अनुमति दी जाए जो सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के तहत बने हैं।