चेन्नई

राजस्थान समेत 4 राज्यों से स्टालिन का आग्रह, पटाखों की बिक्री पर पाबंदी को लेकर फिर से विचार करें

– 8 लाख श्रमिकों की रोजी संकट में

चेन्नईOct 15, 2021 / 06:53 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

MK Stalin writes to 4 states on firecrackers ban

चेन्नई.

पटाखा निर्माण उद्योग में सक्रिय करीब आठ लाख कामगारों की दुहाई देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राजस्थान सहित चार राज्यों से आग्रह किया है कि वे आतिशबाजी की बिक्री पर लगाई पाबंदी पर फिर विचार करें। सीएम स्टालिन ने राजस्थान, दिल्ली, ओडिशा और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को इस सिलसिले में पत्र लिखा है। सीएम ने कहा कि पटाखे पर पाबंदी अतार्किक है। इसकी बिक्री सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण से तय मानकों के अनुरूप की जा रही है।

स्टालिन ने स्मरण कराया कि कोरोना से देशभर के एमएसएमई सेक्टर की कमर टूट चुकी है। तमिलनाडु विकास और तरक्की के लिए बड़े पैमाने पर एमएसएमई सेक्टर पर ही निर्भर है। उनकी सरकार इस क्षेत्र में जान फूंकने के नए उपाय कर रही है।

सीएम ने लिखा कि शिवकाशी और निकटवर्ती क्षेत्रों का पटाखा उद्योग तमिलनाडु की प्रमुख औद्योगिक क्रिया है। आठ लाख से अधिक श्रमजीवियों की आजीविका इस उद्योग के भरोसे है।

किसी देश में नहीं ऐसी रोक
स्टालिन ने माना कि राज्यों ने वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन वे यह बताना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्रदूषण फैलाने वाले कुछ पटाखों को बैन कर चुका है। इसके अलावा अब तो ग्रीन पटाखों का ही निर्माण होता है जिनसें कम प्रदूषण फैलता है। लिहाजा रोक का पूर्ण आवरण उचित नहीं है। ऐसी पूर्ण रोक किसी अन्य देश में भी नहीं है।

बंद हो जाएगा उद्योग
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि अन्य राज्यों ने भी इस तरह का बंद घोषित किया तो पटाखा इंडस्ट्री पर ताला लग जाएगा और 8 लाख लोगों की रोजी छिन जाएगी। आपको यह पता होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने की परम्परा रही है। ऐसे में पर्यावरण, आजीविका और लोक स्वास्थ्य के बीच साम्य वाली नीति को अपनाया जाना चाहिए। उनका आग्रह है कि पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रोक के निर्णय पर फिर से विचार किया जाए। उन पटाखों को अनुमति दी जाए जो सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के तहत बने हैं।

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